UAV Full Form in Hindi, UAV: Unmanned Aerial Vehicle (मानवरहित हवाई वाहन)
UAV का फुल फॉर्म “Unmanned Aerial Vehicle” होता है जिसका हिंदी में अर्थ है “मानवरहित हवाई वाहन”या मानवरहित विमान. मानव रहित विमान या ड्रोन एक प्रकार का विमान है जिसे सैन्य अभियानों में शत्रु क्षेत्र की टोह लेने एवं आवश्यकता पड़ने पर आक्रमण करने के लिये उपयोग मे लाया जाता है। अन्य क्षेत्रों में इनका उपयोग भूमि एवं सागर के उपर उड़ते हुए सर्वेक्षण करने में भी किया जाता है। चूँकि इन विमानों को रिमोट कंट्रोल के द्वारा नियंत्रित किया जाता है इसलिए इन्हें किसी मानव चालक की उपस्थिति की आवश्यकता नहीं होती है। अपनी इस विशेषता के कारण ही यह टोही विमान के रूप अत्याधिक उपयोग मे लाये जाते हैं। इन विमानों को ड्रोन विमान भी कहा जाता है। ड्रोन अंग्रेज़ी का एक शब्द है और इसका अर्थ नर मधुमक्खी होता है।
ड्रोन और प्रक्षेपास्त्र दोनो ही रिमोट संचालित होते है पर इन दोनों मे मुख्य अंतर यह है की जहाँ मानव रहित विमान (UAV Full Form) को पुनः उपयोग मे लिया जा सकता है, प्रक्षेपास्त्र केवल एक बार के उपयोग के लिये ही होता है।
UAV के विकास का इतिहास
एक मानव रहित हवाई वाहन (UAV) या बिना चालक वाला हवाई वाहन, जिसे आमतौर पर ड्रोन के रूप में जाना जाता है, बिना किसी मानव पायलट, या चालक दल या यात्रियों के बिना एक विमान है। UAV को एक मानव ऑपरेटर द्वारा रिमोट कंट्रोल के तहत संचालित किया जाता है. ये रिमोट-पायलट एयरक्राफ्ट (आरपीए), भी कहलाते हैं जिसमें मानवीय हस्तक्षेप का कोई प्रावधान नहीं है।
UAV को मूल रूप से (UAV Full Form) बीसवीं शताब्दी के दौरान सैन्य मिशनों के लिए विकसित किया गया था, जो मनुष्यों के लिए “सुस्त, असुरक्षित तथा खतरनाक” था। जैसे-जैसे नियंत्रण प्रौद्योगिकियों में सुधार हुआ और लागत में कमी आई, इक्कीसवीं सदी में उनके उपयोग में तेजी से विकास हुआ. अब इनका प्रयोग कई जगहों पर किया जाता है जैसे हवाई फोटोग्राफी, उत्पाद वितरण, कृषि, पुलिस और निगरानी इत्यादि.
UAV यानि मानवरहित विमानों का उदाहरण
डीआरडीओ निशांत
डीआरडीओ निशांत एक मानव रहित विमान (यूएवी) है जिसे भारत के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान जो डीआरडीओ की एक शाखा है, ने भारतीय सशस्त्र बलों के लिए विकसित किया है।
UAV या ड्रोन का डिजाईन
कई ड्रोन ऐसे होते हैं जिनमें कई पंखे लगे होते हैं और कई ऐसे भी हैं जिनमें एक ही रोटर लगा होता है. इसके अलावा एक फिक्स्ड विंग ड्रोन भी होता है जिसमें एक भी रोटर नहीं लगा होता है.
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अधिकांश ड्रोन में सामान्यत: 4 रोटर यानि कि पंखे लगे होते हैं. ये 4 रोटर वाला ड्रोन ही सबसे ज्यादा चलन में है इसलिए हम इसके उड़ने के प्रोसेस के बारे में जानेंगे.
UAV यानि ड्रोन के उड़ने की वजह
ड्रोन 4 रोटर के सहारे ही उड़ता है. रोटर में लगी पत्तियां हवा को नीचे ढकेलती हैं जिसकी वजह से ड्रोन ऊपर उठ जाता है और उड़ने लगता है. रोटर लगी चार पत्तियों में से 2 क्लॉकवाइज़ घूमती हैं और दो एंटी-क्लॉकवाइज़ जिससे हवा के दबाव को नियंत्रित किया जा सके.
ड्रोन को एक जगह स्टेबल रखने के लिए चारों रोटर समान पावर के साथ घूमते हैं. वहीं अगर ड्रोन को आगे की तरफ उड़ाना है तो उसके आगे के दोनों रोटर कम तेजी से घूमते हैं लेकिन पीछे के दोनों रोटर पूरी तेजी के साथ घूमते हैं और ड्रोन को एक तरह से आगे की ओर धक्का देते हैं.
ठीक इसी तरह अगर ड्रोन (UAV Full Form) को मुड़ना हो तो आमने सामने के क्लॉकवाइज़ या दोनों एंटी-क्लॉकवाइज़ रोटर की रफ्तार धीमी कर देते हैं और ड्रोन मुड़ जाता है. इसे दूसरे शब्दों में समझें तो ड्रोन की उड़ान पूरी तरह से रोटर की रफ्तार पर निर्भर होती है. पावर शिफ्ट होता रहता है और ड्रोन उड़ता रहता है.
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