NATO Full Form in Hindi, NATO: North Atlantic Treaty Organization (उत्तर अटलांटिक संधि संगठन)
NATO (नाटो) का फुल फॉर्म है “North Atlantic Treaty Organization” जिसका हिंदी में अर्थ है: “उत्तर अटलांटिक संधि संगठन”. यह 28 देशों का एक सैन्य और राजनीतिक गठबंधन है। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य सदस्य राष्ट्रों की स्वतंत्रता और सुरक्षा की रक्षा करना है. इसके लिए ही इस संगठन का गठन किया गया था।
NATO का मुख्यालय (NATO Full Form) ब्रुसेल्स, बेल्जियम में स्थित है। इसकी स्थापना 4 अप्रैल 1949 को सामूहिक रक्षा के लिए की गयी थी. इस ट्रिटी के अनुसार इस संगठन के किसी भी सदस्य राष्ट्र पर किसी बाहरी राष्ट्र द्वारा आक्रमण को उसके सभी सहयोगियों पर हमले के रूप में देखा जाएगा।
NATO (नाटो) का उद्देश्य
NATO (नाटो) का प्राथमिक उद्देश्य (NATO Full Form) अपने सदस्य देशों की स्वतंत्रता की रक्षा और सुरक्षा करना है। इसके अत्तिरिक्त हाल के वर्षों में यह हिंसा के बढ़ते संदर्भ के साथ अपने उद्देश्य का विस्तार किया है जिसके अंतर्गत यह साइबर हमलों, आतंकवाद और सामूहिक विनाश के हथियारों से भी सदस्य देशों की रक्षा करेगा।
NATO की स्थापना का प्रयोजन
NATO (नाटो) का प्राथमिक लक्ष्य अपने सदस्य देशों की स्वतंत्रता को सुरक्षित और संरक्षित करना है। लेकिन, हाल के वर्षों में, युद्ध के बदलते चेहरे के साथ, इसे अपने उद्देश्य का विस्तार करना है और यह निर्णय लिया है कि यह सदस्य देशों को आतंकवाद, साइबर हमलों और सामूहिक विनाश के हथियारों से भी सुरक्षित और संरक्षित करेगा।
NATO (नाटो) का इतिहास (History of NATO in Hindi)
NATO की स्थापना (NATO Full Form) द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1949 में की गयी थी जब संयुक्त राज्य अमेरिका और कई यूरोपीय राष्ट्र हमलावरों के खिलाफ सहयोग करने के लिए उत्तरी अटलांटिक संधि में शामिल हुए. इसकी शुरुआत 1949 में सिर्फ 12 सदस्य देशों के साथ हुई थी जिसमे बेल्जियम, डेनमार्क, कनाडा, फ्रांस, इटली, आइसलैंड, नीदरलैंड, लक्जमबर्ग, नॉर्वे, पुर्तगाल, यूके (यूनाइटेड किंगडम) और यूएस (संयुक्त राज्य) शामिल थे. इसके बाद इसमें समय समय पर अन्य देश भी शामिल होते रहे:
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- 1952 में ग्रीस और तुर्की ने संघ में प्रवेश किया।
- 1955 में पश्चिम जर्मनी शामिल हुआ।
- 1982 में स्पेन ने एसोसिएशन में प्रवेश किया।
- 1997 में इसमें हंगरी, चेक गणराज्य और साथ ही पोलैंड भी शामिल हुए।
- 2004 में इसमें सात देशों ने प्रवेश किया जो निम्नलिखित थे: एस्टोनिया, बुल्गारिया, लिथुआनिया, लातविया, रोमानिया, स्लोवेनिया और स्लोवाकिया.
- अल्बानिया और क्रोएशिया 2009 में इसके बने।
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