HAL Full Form (Hindustan Aeronautics Limited)

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HAL Full Form

HAL Full Form in Hindi, HAL: Hindustan Aeronautics Limited (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड)

HAL का फुल फॉर्म “Hindustan Aeronautics Limited (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड)” है. हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड , भारत का एक सार्वजनिक प्रतिष्ठान है, जो हवाई संयन्त्र निर्माण करता है। इसका मुख्यालय बंगलुरु में है। दिसम्बर, १९४० में भूतपूर्व मैसूर राजसी राज्य एवं असाधारण दूरद्रष्टा उद्यमी श्री सेठ वालचन्द हीराचन्द के सहयोग से बेंगलूर में शुरु हुआ। एच ए एल की आपूर्तियाँ / सेवाएँ प्रमुख रूप से भारतीय रक्षा सेनाओं, तटरक्षक तथा सीमा सुरक्षा बल के लिए हैं। भारतीय विमान – वाहकों तथा राज्य सरकारों को भी परिवहन विमानों तथा हेलिकाप्टरों की पूर्ति की गयी है। कंपनी ने गुणवत्ता एवं किफायती दरों के माध्यम से ३० से अधिक देशों में निर्यात क्षेत्र में पदार्पण किया है।

HAL (एचएएल) का इतिहास (History of HAL in Hindi)

23 दिसंबर 1940 को देश के माने-जाने उद्ममी वालचन्द हीराचन्द को लगा क्यों न ऐसी कंपनी बनाई जाए, जिससे भारत में ही जहाज बनने लगे। इसी सोच के साथ उन्होंने चार करोड़ रुपये की शुरूआती पूंजी के साथ मैसूर की तत्कालीन सरकार के सहयोग से 23 दिसंबर 1940 को कंपनी की नींव डाली।

1941 में भारत सरकार ने इसका एक तिहाई शेयर खरीद लिया और 1942 में पूरा मैनेजमेट अपने हाथ में ले लिया। फिर अमेरिका की इंटर कॉन्टीनेंटल एयरक्राफ्ट कंपनी के सहयोग से देश की यह कंपनी हॉक फाइटर और बॉम्बर एयरक्राफ्ट बनाने लगी। 1945 में यह कंपनी मिनिस्ट्री ऑफ इंडस्ट्री एंड सप्लाई और फिर जनवरी 1951 में इसे मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस के अधीन कर दिया गया। अगस्त 1951 में एचटी-2 ट्रेनर एयरक्राफ्ट को डिजाइन कर कंपनी ने निर्माण किया। अपने निर्देशन में बने इस विमान को पहली बार डॉ. वीएम घटगे ने उड़ाने में सफलता हासिल की।  इसके बाद कंपनी ने करीब डेढ़ सौ ट्रेनर एयरक्राफ्ट बनाकर एयरफोर्स को सप्लाई किए गए। फिर टू सीटर पुष्पक, कृषक, जेट फाइटर मारुत और जेट ट्रेनर किरन नामक एयरक्राफ्ट इस कंपनी ने बनाए।

इस बीच अगस्त 1963 में मिग 21 बनाने के लिए एयरोनॉटिक्स इंडिया लिमिटेड (एआइएल) अस्तित्व में आई। जून 1964 में सरकार ने हिंदुस्तान एयरक्राफ्ट लिमिटेड को एयरोनॉटिक्स इंडिया लिमिटेड के साथ मिला दिया।  इस प्रकार हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का जन्म हुआ।

यह विलय एक अक्टूबर 1964 को हुआ, फिर इसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL Full Form) का नाम मिला। कंपनी का मुख्य काम प्लेन की डिजाइनिंग, मैन्यूफैक्चरिंग, रिपेयरिंग और एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर के इंजन की मरम्मत करने का है।

HAL की शाखाएं और व्यापार

HAL (हिन्दुस्तान एयरक्राफ्ट लिमिटेड) की स्थापना के साथ ही भारतीय वैमानिकी उद्यम का श्रीगणेश हुआ। मार्च, 1941 में भारत सरकार इसका हिस्सेदार बन गई और 1942 में इसका प्रबंधन अपने वश में कर लिया। हिन्दुस्तान एयरक्राफ्ट लिमिटेड (HAL Full Form) को एरोनाटिक्स इण्डिया लिमिटेड तथा विमान निर्माण डिपो, कानपुर के साथ समामेलित करते हुए 1 अक्टूबर 1964 को हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एच ए एल) का गठन किया गया।

HAL की शाखाएं

  • नासिक
  • कानपुर
  • कोरापुट
  • लखनऊ
  • हैदराबाद
  • अमेठी (सुल्तानपुर जनपद)  

दो दर्जन से ज्यादा देश एचएएल के ग्राहक

HAL (एचएएल) ने अपनी खूबियों के दम पर अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों की एक नई जमात बना ली है। दो दर्जन से अधिक देशों को विमान से जुड़ी साजो-सामग्री निर्यात करने वाली इस कंपनी के एयरबस इंडस्ट्रीज फ्रांस, बोईंग यूएसए, कोस्ट गार्ड मारीशस, इल्टा, इजराइल एयरक्राफ्ट इंडस्ट्रीज, Ruag, Germany, Rosoboronexport, Russia, Turbomeca, France , Rolls Royce Plc, UK , Honeywell International, USA आदि ग्राहक हैं।

HAL का बनाया गया कमाल का हेलीकॉप्टर और खास उत्पाद

हिंदुस्तान एयरनॉटिक्स (HAL Full Form) ने कई शानदार हेलीकॉप्टर बनाए हैं, जो भारतीय वायुसेना के लिए काफी उपयोगी हैं। इसमे ध्रुव हैलीकॉप्टर भारत का एक बहूद्देशीय हैलीकॉप्टर है। इजरायल जैसा देश भी इस विमान को भारत से खरीद चुका है। वहीं एचएएल रुद्र एचएएल ध्रुव का एक सशस्त्र संस्करण है।

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इसी तरह एचएएल ने तेजस नामक लड़ाकू विमान बनाया। दिसंबर 2009 में  गोवा समुद्र स्तरीय उड़ान परीक्षण के दौरान, तेजस ने 1,350 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक की गति से उडा़न भरी। यह देश में बना पहला सुपरसॉनिक लड़ाकू विमान है।

फ्लाइट इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक एचएएल वर्ष 2016 में राजस्व के मामले में दुनिया की 39वीं सबसे बड़ी एरोस्पेस कंपनी रही है। कंपनी एयरक्राफ्ट की डिजाइनिंग और डेवेलपमेंट कारोबार में है। कंपनी हेलिकॉप्टर, एरो इंजन का विनिर्माण, रिपेयरिंग भी करती है। देशभर में इसके 20 प्रोडक्शन डिवीजन और 11 रिसर्च डिजाइन सेंटर हैं। यह 13 से भी ज्यादा देशों में अपने उत्पाद व सेवाओं का निर्यात करती है।

HAL (एचएएल) को मिले अवार्ड

HAL (एचएएल) को कई अवार्ड मिल चुके हैं। अंतर्राष्ट्रीय सूचना एवं विपणन केन्द्र ने मेसर्स ग्लोबल रेटिंग, यूके के संयोजन में मेसर्स हिन्दुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड को 2003 में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में इंटरनेशनल गोल्ड मेडल से सम्मानित किया था। इसके अलावा कंपनी को 2013 में देश की नवरत्न कंपनियों में से इसको लीजेंड पीएसयू का अवार्ड मिल चुका है। कंपनी को रिसर्च एंड डिजाइन, टेक्नॉलजी, मैनेजेरियल, एक्सपोर्ट्स, एनर्जी, क्वालिटी के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय से लेकर राष्ट्रीय अवार्ड मिल चुके हैं। 2015-16 में एक्सीलेंस परफार्मस पर 2007-08, 2009-10, 2010-11, 2012-13 और 2015-16 में रक्षा मंत्रालय की ओर से भी अवार्ड मिल चुका है। 

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