Dill Sowa in Hindi (सोआ: जानकारी, खाने के फायदे और नुकसान)

Ad:

http://www.hindisarkariresult.com/dill-sowa-in-hindi/
Dill Sowa in Hindi

Dill Soa in Hindi / सोआ खाने के आश्चर्यजनक फायदे और नुकसान

सोआ सर्दियों के मौसम में मिलने वाला एक बेहद लजीज तथा खुशबूदार साग है जो सरसों और पालक के साग में डालकर बड़े ही चाव से खाया जाता है। सोआ को अंग्रेजी में डिल के नाम से जाना जाता है. यह सेहत के लिए बहुत ही गुणकारी है। मुख्य रूप से इसका इस्तेमाल सरसों और पालक के साग में किया जाता है जिससे साग न सिर्फ खुशबूदार बनता है बल्कि स्वाद भी दोगुना हो जाता है लेकिन इसके अलावा भी इसके बहुत सारे औषधीय गुण हैं जो इसके बेहतरीन खाद्य पदार्थ बनाते हैं.

सोआ (Dill Sowa in Hindi) की ताजा या सूखी पत्तियों का उपयोग खाने के साथ-साथ जड़ी-बूटी के रूप में भी किया जाता है। इसका इस्तेमाल सब्जी, अचार, सलाद और अन्य कई स्वादिष्ट व्यंजन बनाने में किया जाता है। इसमें कैलोरी और वसा कम मात्रा में होता है, इसलिए यह सेहत के लिहाज से काफी हेल्दी माना गया है।

सोआ क्या है? (What is Dill in Hindi?)

सोआ एक बारहमासी पौधा है। प्राचीन समय से ही एक मसाले के रूप में इसका उपयोग किया जा रहा है। यह ऐसा पौधा है जिसके बीज और पूरे पौधे का खाद्य रूप में उपयोग किया जाता है। सोआ का उपयोग व्‍यापारिक उद्देश्‍य हेतु साबुन, डिटर्जेंट, इत्र, क्रीम और लोशन आदि में भी किया जाता है। यह प्रमुख रूप से औषधीय उपयोग के काम में आता है जिससे हम कई प्रकार की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं से छुटकारा पा सकते हैं। औषधीय गुणों के कारण सोआ पौधे के बीजों और पौधे का उपयोग विभिन्‍न दवाओं के निर्माण में उपयोग किया जा रहा है।

सोआ का पौधा (Sowa Paudha in Hindi)

सोआ के बीज

सोआ एपियेसी (Apiaceae) परिवार से संबंधित है. इसके पौधे की ऊंचाई लगभग 40-60 सेमी तक होती है। इसकी पत्तियां पतली और दौनो तरफ होती हैं। ये पत्तियां बहुत ही नाजुक और कोमल होती हैं जिनकी लंबाई लगभग 10-20 सेमी और चौडाई लगभग 1-2 मिमी होती है। ये पत्तियां देखने में किसी धागे की तरह होती हैं। इसके फूल पीले सफेद रंग के होते हैं। इन फूलों से प्राप्‍त होने वले बीज की लंबाई लगभग 4-5 मिमी और मौटाई 1 मिमी होती है। यह सीधा बढ़ने वाला घुमावदार झाड़ी वाला पौधा है।

सोआ के औषधीय गुण (Medicinal Values of Dill in Hindi)

सोआ (Dill Sowa in Hindi) में निम्नलिखित औषधीय गुण पाए जाते हैं:

कोलेस्‍ट्रॉल नियंत्रित करता है सोआ

सोआ में कैलारी कम होती है और कोलेस्ट्रॉल के स्‍तर को कम रखता है। इसमें कई तरह के एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन जैसे पिरीडॉक्सिन, नियासिन और आवश्‍यक फाइबर होते हैं जो रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं।

डायबिटीज से बचाता है सोआ

डा‍यबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए सोआ बहुत लाभकारी होता है। इसकी पत्तियों और बीजों में लाइमोनीन और युजीनॉल जैसे तेल मौजूद होते हैं जो रक्त शर्करा के स्‍तर को कम करने में सहायक होते हैं।

मेटाबॉलिज्म ठीक रखता है सोआ

इसके बीज से निकाले गए तेल में वातहर, पाचन, शामक और कीटाणुनाशक गुण होते हैं। इसके अलावा सोया राइबोफ्लेविन, फोलिक एसिड, बीटा कैरोटीन, विटामिन ए, नियासिन और विटामिन सी से भरपूर होता है, जो शरीर के मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखने के लिए जरूरी होते हैं।  स्टैमिना हो रहा है कम, तो डाइट में शामिल करें ये सुपरफूड्स

रक्तचाप और हृदय के लिए अच्छा है सोआ

इसमें पोटैशियम, कॉपर, मैगनीज जैसे आवश्‍यक खनिज होते हैं जो शरीर के घटकों जैसे तरल पदार्थ, कोशिकाओं, रक्तचाप और हृदय की दर को नियंत्रित करते हैं।

हड्डियां मजबूत बनाता है सोआ

सोआ (Dill Sowa in Hindi) में कैल्शियम पर्याप्त मात्रा में होता है। यदि आपको हड्डियों से संबंधित कोई समस्या है या फिर ऑस्टियोपोरोसिस है, तो नियमित रूप से सोआ का सेवन करें।  इससे आप ऑस्टियोपोरोसिस को रोक सकते हैं। फिट और हेल्दी रहना है, तो अपनाएं ये आदतें और भूल जाएं बीमारियां

एंटी-बैक्टीरियल गुण से भरपूर है सोआ

इसमें मौजूद एंटी-बैक्‍टीरियल गुण आंतरिक और बाह्य संक्रमण से लड़ने में हमारी मदद करते हैं। ऐसे में आप कई रोगों से भी बचे रह सकते हैं।

पाचन शक्ति ठीक करता है सोआ

सोआ (Dill Sowa in Hindi) में मौजूद गुण पाचन प्रक्रिया में सुधार करने में मददगार होते हैं। यह पेट में अम्ल के स्तर का प्रबंधन कर सांस में बदबू और एसिड रिफ्लेक्‍स की समस्‍या को कम करने में मदद करता है। खराब पेट, डायरिया और आंतों में उत्पादित गैस की मात्रा को कम करता है। इसमें मौजूद फाइबर पाचन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।

डायटीबीज को नियंत्रित करता है सोआ

 डायबिटीज एक ऐसी समस्या है जो जीवन के साथ कभी नहीं छोड़ती है केवल शरीर में अधिक कम होती रहती है। डायबिटीज के मरीजों को अपने खानपान का खास ध्यान रखना पड़ता है। इसके अलावा रक्त शर्करा को नियंत्रित करने के लिए सोआ जड़ीबूटी का उपयोग किया जाता है। यह इन्सुलिन को बनने में मदद करता है। मधुमेह टाइप 1 से पीड़ित लोगो को सोआ के पत्तियों को भोजन में उपयोग करना चाहिए। इसमें कड़वापन शुगर के स्तर को कम करने लगता है। यह बहुत प्रभावी जड़ी बूटी मानी जाती है।

जोड़ो के दर्द के लये लाभकारी है सोआ

हड्डियों से जुडी जोड़ो के दर्द की समस्या को ठीक करने के लिए सोआ जड़ी बूटी फायदेमंद होता है। इसके बीज के तेल को हड्डियों का मसाज करने के लिए उपयोग में लाते है। इसमें एंटी गुण मौजूद है जो सूजन व दर्द को कम करने में सहायता करता है। इसके अलावा हड्डियों के विकास व हड्डियों को मजबूत करने का काम करता है। आस्टियोपोर्सेस जैसी गंभीर बीमारिय यह जड़ी बूटी की सहायता से ठीक किया जाता है।

इम्युनिटी मजबूत करता है सोआ

शरीर की प्रतिशा प्रणाली को बढ़ाने के लिए डील बहुत फायदेमंद होता है। इसमें एंटीमाइक्रो बेल गतिविधि के साथ जुड़ा हुआ रहता है। यह जड़ीबूटी संक्रमण को रोकने में मदद करता है। इसके अलावा चोट या घाव को ठीक करने में मदद करता है। घाव को संक्रमण से बचाव करने के लिए इस जड़ीबूटी के बीजो को लगाया जाता है।

सोआ खाने के लाभ (Sowa khane ke fayde) (Benefits of Dill in Hindi)

इसके अलावा भी सोआ के अन्य फायदे निम्नलिखित हैं:

  • सोआ (Dill Sowa in Hindi) में विटमिन्स से लेकर मिनरल्स और अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। साथ ही यह फ्लेवनॉइड्स का एक अच्छा स्रोत भी है और इसमें भरपूर मात्रा में आयरन, फोलेट और कैल्शियम होता है। इस वजह से इसे हड्डियों की मजबूती के लिए फायदेमंद माना जाता है।
  • डायबीटीज को कंट्रोल करने में भी सोआ अहम भूमिका निभाता है। यह ब्लड में सीरम लिपिड्स और इंसुलिन के घटते-बढ़ते स्तर को रेग्युलेट करता है, जिसे ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है।

इसे भी पढ़ें: जीरा खाने के आश्चर्यजनक फायदे और नुकसान

  • सोआ में कुछ ऐसे तत्व भी होते हैं जो पाचन क्रिया को दुरुस्त करने में मदद करते हैं। इसके अलावा यह डायरिया में भी मदद करता है। इसमें मोनोटर्पीन्स और फ्लेवनॉइड्स होते हैं जो डायरिया फैलाने वाले कीटाणुओं को जड़ से सफाया कर देते हैं।
  • इसे कैंसर के इलाज में कारगर माना गया है। कई स्टडीज में दावा किया गया है कि इसमें कुछ ऐंटी-कैंसर प्रॉपर्टीज होती हैं जो कैंसर को दूर रखती हैं।
  • ज्यादातर महिलाएं अनियमित माहवारी से ग्रस्त होती हैं। वे महिलाएं अगर सोआ का सेवन करें तो उनकी पीरियड साइकल रेग्युलर हो जाती है। इसमें मौजूद तत्व हॉर्मोंन्स का बैलेंस बनाए रखने में मदद करते हैं।
  • सोआ में ऐंटी-ऑक्सिडेंट प्रॉपर्टीज होती हैं जो शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स और फ्री रैडिकल्स को फ्लश आउट करने में मदद करती हैं। इस वजह से हार्ट डिजीज से लेकर कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा कम होता है।

सोआ खाने के नुकसान (Sowa khane ke Nuksan) (Side Effects of Dill in Hindi)

  • यूँ तो सोआ खाना (Dill Sowa in Hindi) अधिकांश समय फायदेमंद ही होता है लेकिन कुछ परिस्थितियों में यह नुकसानदायक भी हो सकता है:
  • गर्भावस्‍था और स्‍तन पान के दौरान सोआ का अधिक मात्रा में उपभोग नहीं करना चाहिए। क्‍योंकि सोआ बीज मासिक धर्म को प्रारंभ कर सकता है जिससे गर्भापात होने की संभावना बढ़ सकती है।
  • गाजर परिवार के पौधों से एलर्जी वाले लोगों को सोआ का उपभोग नहीं करना चाहिए। क्‍योंकि यह उनमें ए‍लर्जी प्रतिक्रियाओं को बढ़ावा दे सकता है।
  • मधुमेह रोगी को भी सोआ का सेवन कम मात्रा में ही करना चाहिए क्‍योंकि अधिक मात्रा में इसका सेवन शरीर में रक्‍त शर्करा के स्‍तर को बहुत ही नीचे ला सकता है।
  • सोआ (Dill Sowa in Hindi) को सामान्य मात्रा में उपयोग करने से कोई नुकसान नहीं होता है। लेकिन अत्यधिक मात्रा में उपयोग करने से पित्त की समस्या उत्पन्न हो सकता है।
  • सोआ की पत्ती स्वाद में कड़वी होती है इसलिए इसका सेवन करने के लिए अन्य पत्तिया वाली सब्जियों के साथ बनाये।
  • सोआ का अत्यधिक सेवन गैस्ट्रिक समस्या का कारण बनता है।

नोट: अपने इस लेख के माध्यम से हमने आपको सोआ से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में बताया है। लेकिन इसका किसी भी प्रकार से औषधीय रूप में सेवन करने से पहले आप अपने नजदीकी चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें।  

Ad:

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*


This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.