Asafoetida Heeng in Hindi / हींग खाने के आश्चर्यजनक फायदे और नुकसान
हींग एक अत्यधिक तेज गंध वाला मसाला है, जिसका प्रयोग लगभग हर घर में होता है। हींग से न सिर्फ सब्जी का स्वाद बेहतर होता है बल्कि यह स्वास्थ्य को भी फायदा पहुंचाता है। आयुर्वेद के अनुसार, बवासीर, पेट के रोग, गैस, कब्ज, दर्द, पथरी की समस्या और डायबिटीज आदि में हींग के सेवन से अत्यधिक लाभ मिलता है। इतना ही नहीं, पेट में कीड़े होने पर, शरीर में गाँठ होने पर, पुराने जुकाम आदि में हींग के उपयोग (Asafoetida Heeng in Hindi) से लाभ मिलता है।
हींग क्या है? (What is (Asafoetida) Hing in hindi?)
हींग एक सुगन्धित मसाला है जिसकी कई प्रजातियाँ होती हैं। हींग का पौधा (Heeng Plant/Tree) 1.5-2.4 मीटर ऊँचा, सुंगधित होता है। यह कई वर्षों तक हरा-भरा रहता है। इसका तना कोमल होता है। तने में ढेर सारी डालियां होती हैं। इसके तने और जड़ में चीरा लगाकर राल या गोंद प्राप्त किया जाता है, जिसे हींग कहते है। हींग के तने और जड़ के कटे हुए भाग से रस निकलता रहता है। इसे जमा कर लिया जाता है। कुछ समय बाद इस भाग को थोड़ा और काट दिया जाता है। इससे निचले भाग से रस झड़ने लगता है। इसे भी जमा किया जाता है। पहली बार काटने के तीन महीने बाद, दूसरी बार चीरा लगाया जाता है।
इसकी जड़ गोंद तथा गन्धयुक्त होती है। इसके गोंद को मार्च से अगस्त के महीने में निकाला जाता है। शुद्ध हींग (Asafoetida Heeng in Hindi) सफेद, स्फटिक के आकार का, 5 मि.मी. व्यास के गोल या चपटे टुकड़ों में होती है। हींग निकालने के लिए इसका चार वर्ष पुराना पौधा श्रेष्ठ माना जाता है। इसे पीस कर पाउडर बनाया जाता है।
अन्य भाषाओं में हींग के नाम (Name of Hing in Different Languages)
हींग का वानस्पतिक नाम Ferula narthex Boiss. (फेरुला नार्थेक्स) है और यह Apiaceae (एपिएसी) कुल का है। अन्य भाषाओँ में हींग को निम्नलिखित नामों से भी जाना जाता है:
- हिंदी में- हींग
- अंग्रेजी में- तिब्बतन ऐसैफेटिडा (Tibetan assafoetida), Asafoetida (ऐसैफिटिडा)
- तमिल में- पेरुगियम (Perungiyam), पेरुंगायम (Perungayam)
- संस्कृत में- सहस्रवेधि, जतुक, बाह्लीक, हिंगु, रामठ, हिंगुका
- उर्दू में- हिंग (Hing), हींग (Heeng)
- कन्नड़ में- हींग (Hing), हिंगु (Hingu)
- गुजराती में- वधारणी (Vadharani), हींग बधारणी (Hing badharani)
- तेलगु में- इंगुर (Ingur), इंगुरा (Ingura)
- बंगाली में- हिंगु (Hingu), हींग (Hing)
- पंजाबी में- हिंगे (Hinge), हींग (Hing)
- मराठी में- हींग (Hing)
- मलयालम में- करिक्कयम (Karikkayam), कयम (Kayam), रुगायम (Rungayam)
- अरबी में- हल तीत् (Hal tith), हिलतुत (Hiltut)
- फारसी में- अगेंजह (Angezah), अंगुजा (Anguza)
हींग के औषधीय गुण (Medicinal Values of Heeng in Hindi)
हींग (Asafoetida Heeng in Hindi) में निम्नलिखित औषधीय गुण पाए जाते हैं:
पीलिया में लाभदायक है हींग (Benefits of Hing in Fighting with Jaundice in Hindi)
हींग को जल में घिसकर आंख में काजल की तरह लगाने से पीलिया रोग में लाभ होता है।
कान दर्द में फायदेमंद हींग का प्रयोग (Hing Benefits to Cure Ear Pain in Hindi)
- हींग (Asafoetida) तुम्बरु तथा सोंठ के काढ़ा बना लें। इसे सरसों के तेल में पका लें। इसे 1-2 बूंद की मात्रा में कान में डालने से कानदर्द, कान में सनसनाहट तथा कान में घाव आदि में लाभ होता है।
- स्वर्जिका क्षार, सूखी मूली, हींग, काली मिर्च, सोंठ तथा शतपुष्पा के काढ़ा को तेल को पका लें। इसे 1-2 बूंद की मात्रा में कान में डालें। इससे कान में सनसनाहट, बहरापन तथा कान बहने आदि रोगों में लाभ होता है।
- हिंग्वादि तेल को 1-2 बूंद कान में डालने से कर्णशूल यानि कान के दर्द में लाभ होता है।
- हींग को पानी में घिसकर गुनगुना करके 1-2 बूंद कान में डालने से कान के रोग ठीक होते हैं।
हींग के सेवन से खांसी और दमा का इलाज (Hing Benefits in Fighting with Cough and Respiratory Disease in Hindi)
हींग (Asafoetida Heeng in Hindi) को जल में पीसकर गुनगुना करके इसे छाती पर लगाने से दमा, कुक्कुरखांसी, फेफड़े की सूजन में लाभ होता है।
हींग का प्रयोग मासिक धर्म के दर्द से राहत दिलाता है (Hing Beneficial to Get Relief from Menstrual Pain in Hindi)
महिलाओ में मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द में या मासिक धर्म के अनियमित रूप से होने जैसी समस्याओ के लिए आप हींग का प्रयोग कर सकते है, क्योंकि इसमें पाये जाने वाले औषधि तत्व मासिक धर्म के समय होने वाले दर्द के साथ -साथ अन्य तकलीफों को भी कम करने में मदद करते है।
दांत दर्द से राहत दिलाता है हींग (Hing Beneficial to Treat Toothache in Hindi)
दांत दर्द में हींग (Asafoetida Heeng in Hindi) का उपयोग आपके लिए एक अच्छा उपाय हो सकता है, क्योंकि हींग में दर्दनिवारक गुण के साथ -साथ एन्टीबैक्ट्रिअल गुण भी पाया है जो कि दांत दर्द कम कम करने में मदद करता है।
पेट दर्द से राहत दिलाने में सहायक हींग (Hing Beneficial to Get Relief from Colic in Hindi)
पेट दर्द के लिए हींग का प्रयोग सबसे जाना -पहचाना उपचार है। हींग का उपयोग पेट दर्द में मदद करता है क्योंकि इसमें दर्द निवारक गुण पाया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार भी हींग में वातानुलोमक का गुण होता है जो कि पेट दर्द को कम करने में मदद करता है।
कैंसर से शरीर की रक्षा करने में लाभकारी हींग (Hing Beneficial to Prevent Body from Cancer in Hindi)
हींग के औषधीय गुण शरीर की कैंसर से रक्षा करने में मदद करते है। हींग में कैंसर रोधी क्रियाशीलता पायी जाती है जो कि कैंसर को फैलने से रोकती है।
कृमिनाशक है हींग का चूर्ण (Benefit of Hing to Treat Insect Bite in Hindi)
यदि आप पेट में कीड़ो की समस्या से परेशान है तो हींग का उपयोग आपको इस समस्या को दूर करने में मदद कर सकता है क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार यह कृमिनाशक माना जाता है।
निमोनिया के इलाज में हींग का उपयोग (Benefit of Hing to Treat Pneumonia in Hindi)
निमोनिया की समस्या में हींग का सेवन फायदेमंद होता है क्योंकि हींग में कफ को शांत करने के साथ -साथ एंटी बैक्टीरियल गुण भी होता है जो कि निमोनिया के लक्षण को कम करने में मदद करते है।
बच्चों की काली खांसी में हींग के फायदे (Hing Beneficial to Treat Whooping Cough in Hindi)
काली खांसी को नियंत्रित करने में भी हींग का उपयोग (Asafoetida Heeng in Hindi) फ़ायदेमंद होता है, क्योंकि हींग में कफ को शांत करने के साथ -साथ एंटी-बैक्टीरियल गुण भी होता है जो कि काली खांसी के लक्षणो को कम करने में मदद करती है।
पेट के रोग में करें हींग का सेवन (Benefits of Asafoetida (Perungayam) Powder for Abdominal Disease in Hindi)
- हींग का सेवन पेट रोगों में लाभकारी होता है. द्विरुत्तरहिंग्वादि चूर्ण (हिंगु 1 भाग, वचा, चित्रकमूल, कूठ, सज्जीक्षार, वायविडंग) लें। इसे 1-2 ग्राम की मात्रा में सेवन करें। इससे पेट फूलना, हैजा, पेट दर्द, हृदय रोग, गैस की समस्या आदि में लाभ होता है।
- हिंग्वादि चूर्ण (हींग 1 भाग, वचा 2 भाग, विड नमक तीन भाग, सोंठ चार भाग, जीरा, पुष्करमूल तथा कूठ) का सेवन करें। इससे तिल्ली बढ़ने, पेट के रोग, अपच, हैजा और पेट की गैस की समस्या में लाभ होता है।
- भोजन के पहले जल या मधु के साथ 1-2 ग्राम कीक मात्रा में हिंग्वादि चूर्ण का सेवन करें। इससे गैस बनना, कमर के बाजू में दर्द होने की समस्या आदि रोग में फायदा होता है। इस चूर्ण में बिजौरा नींबू के रस की भावना देकर बनाई गई गुटिका का प्रयोग अधिक फलदायक होता है।
- 1-3 ग्राम हिंग्वाष्टक चूर्ण (सोंठ, मरिच, पिप्पली, अजमोदा, सेंधा नमक, सफेद तथा कृष्ण जीरक) लें। सभी बराबर मात्रा में होनी चाहिए। इसके आँठवें भाग में घी में भुनी हुई हींग मिला लें। इसे भोजन के पहले कौर के साथ खाना चाहिए। यह पाचन विकार को ठीक करके गैस को खत्म करता है।
- 1-2 ग्राम हिंग्वादियोग (घी में भुनी हींग 1 भाग, बनाय 3 भाग, एरण्ड तेल 9 भाग तथा लहसुन का रस 27 भाग) का सेवन करें। इससे गैस की समस्या तथा पेट के अन्य रोगों में लाभ होता है।
- बिजौरा नींबू का रस 5 मि.ली., घी में भुनी हुई हींग 65 मि.ग्रा., अनार का रस 50 मि.ली., विड लें। इन सबको कांजी के साथ मिलाकर पीने से पेट में बने गैस के गोले में लाभ होता है।
- बला, पुनर्नवा, एरण्ड, बृहती द्वय तथा गोक्षुर के 10-30 मि.ली. काढ़ा में 125 मि.ग्रा. हींग, बनाय तथा नमक मिला लें। इसे पीने से गैस के कारण होने वाले दर्द से तुरंत आराम होता है।
- हरड़, सौवर्चल लवण, यवक्षार, हींग, सैंधव तथा जीरा के चूर्ण को कांजी के साथ सेवन करने से गैस का दर्द ठीक होता है।
- एरण्ड एवं जौ के 10-30 मि.ली. काढ़ा में 250 मि.ग्रा. हींग, सौवर्चल नमक तथा 5 मि.ली. नीबू का रस मिला लें। इसे पीने से गैस का दर्द ठीक होता है।
- अजवायन, हींग, बनाय, यवक्षार, सौवर्चल लवण तथा हरड़ चूर्ण को कांजी के साथ पीने से गैस का दर्द ठीक होता है।
- हींग (Asafoetida Heeng in Hindi) अम्लवेतस, काली मिर्च, आंवला, अजवायन, यवक्षार, हरड़ तथा बनाय लें। इन सभी का बराबर भाग ले कर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 1-2 ग्राम मात्रा में कांजी मिलाकर पीने से गैस के कारण होने वाले तेज दर्द में लाभ होता है।
- बराबर मात्रा में पर्पट क्षार तथा हींग को मिला लें। इसे पीसकर वटी बनाकर जल के साथ सेवन करें। इससे गैस के दर्द में शीघ्र लाभ होता है।
- सोंठ तथा एरण्ड मूल के 10-30 मि.ली. काढ़े में 250 मि.ग्रा. हींग तथा सौवर्चल मिलाकर पीने से पेट दर्द ठीक होता है।
- बराबर मात्रा में काला नमक, हींग तथा सोंठ चूर्ण को (3-5 ग्राम) गुनगुने जल के साथ सेवन करें। इससे कमर, पीठ तथा हृदय में होने वाले दर्द में लाभ होता है।
- भोजन के पहले अथवा बीच में, आसव-अरिष्ट अथवा छाछ या गर्म जल के साथ 1-2 ग्राम हिंग्वादि चूर्ण का सेवन करें। इससे गैस के गोले ठीक होते हैं। इसके साथ ही इससे कफ के कारण पेट फूलने, हृदय (छाती) दर्द, पेशाब करने में दर्द, बाजू में दर्द, गुदा में दर्द, गर्भाशय में दर्द में भी फायदा मिलता है। इसके अलावा पेशाब की कठिनाई, पेट फूलना, पीलिया, अरुचि, हिचकी, लीवर व तिल्ली बढ़ना, सूखी खाँसी, गले के दर्द, कब्ज तथा बवासीर आदि रोगों में लाभ होता है।
- 2-4 ग्राम हिंग्वष्टक चूर्ण का सेवन सुबह भोजन से पहले सेवन करने से पाचन ठीक होता है, और गैस खत्म होता है।
दाँतों के रोग में फायदेमंद हींग का उपयोग (Benefits of Hing to Treat Dental Disease in Hindi)
हींग (Asafoetida Heeng in Hindi) को थोड़ा गर्म करके जिस दांत पर कीड़े लगे हों वहां लगाकर थोड़ी देर के लिए दबा लें। इससे कीड़े नष्ट होने लगते हैं।
हींग के प्रयोग से पेचिश का इलाज (Hing (Asafoetida) Powder Benefits to Stop Dysentery in Hindi)
हींग, अपांप्म तथा खदिर सार चूर्ण को मिलाकर चने के समान (लगभग 250 मि.ग्रा.) वटी (गोली) बना लें। इसे जल के साथ सेवन करने से पेचिश में शीघ्र लाभ होता है।
मैनिया में करें हींग का इस्तेमाल (Benefits of Asafoetida for Mania Disease in Hindi)
- हींग, हींग के पत्ते, छोटी इलायची, ब्राह्मी तथा चोर पुष्पी के काढ़ा तथा पेस्ट लें। इसे घी (पुराना घी बेहतर होगा) में पका लें। इसे 5 ग्राम की मात्रा में सेवन करने से मैनिया रोग ठीक होता है।
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- तीव्र उन्माद (मैनिया) रोग से पीड़ित व्यक्ति को बकरे के 25-50 मि.ली. मूत्र में 125 मिग्रा हींग मिलाकर पिलाना चाहिए।
दाद में फायदेमंद हींग का इस्तेमाल (Asafoetida Benefits to Treat Ringworm in Hindi)
अनेक लोग दाद के परेशान रहते हैं। दाद की समस्या में हींग के प्रयोग से फायदे मिलते हैं। हींग को पीसकर दाद पर लगाने से दाद ठीक होता है।
बेहोशी ठीक करता है हींग (Asafoedia (Perungayam) in Beneficial in Unconsciousness Condition in Hindi)
आप किसी व्यक्ति को बेहोशी की अवस्था से होश लाने के लिए हींग का इस्तेमाल कर सकते हैं। 100 मि.ली. कांजी में 1 ग्राम सौवर्चल नमक, 125 मि.ग्रा. हींग, सोंठ, एक ग्राम मिर्च लें। इसके साथ ही 1 ग्राम पिप्पली मिलाकर मात्रानुसार पिलाने से लाभ होता है।
बुखार उतारता है हींग का उपयोग (Benefits of Asafoetida for Fever in Hindi)
- हींग, निम्बू फल के गुदे तथा पीपर को गोमूत्र में पीसकर काजल की तरह लगाने से बुखार ठीक होता है। अजवायन, हरड़, हींग, चित्रक, सोंठ, यवक्षार, सज्जी क्षार, सफेद जीरा, पीपर, हरड़, बहेड़ा, आँवला, सौवर्चल तथा सेंधा नमक को बराबर मात्रा में पीस लें। इसे 1-2 ग्राम मात्रा में सेवन करने से बुखार ठीक होता है।
- पुराने घी में हींग मिलाकर नस्य (नाक में डालने) लेने से चौथे स्तर के टॉयफॉयड में लाभ होता है।
हींग खाने के नुकसान (Heeng khane ke Nuksan) (Side Effects of Asafoetida in Hindi)
हींग (Asafoetida Heeng in Hindi) एक बहुत ही फायदेमंद मसाला है लेकिन इसका अधिक मात्रा में इस्तेमाल नुकसानदायक भी हो सकता है:
- हींग खाने से आपके होंठों में सूजन हो सकती है।
- पेट में गैस की समस्या
- दस्त
- सिरदर्द
- चक्कर आने की शिकायत इत्यादि
हींग कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is (Asafoetida) Heeng Found or Grown?)
हींग का पौधा भारत के उत्तर-पश्चिम राज्यों से कश्मीर एवं पंजाब में पाया जाता है। चार वर्ष का होने पर हींग के पौधे को फूल आने से पहले जड़ के ऊपर से काट दिया जाता है। इसके बाद उसकी जड़ को पत्तों से ढँककर रख दिया जाता है।
हींग खाने के लाभ (Heeng khane ke fayde) (Benefits of Asafoetida in Hindi)
हींग से करें पेट का इलाज
- खाने में हींग का इस्तेमाल करने से अपच और कब्ज की परेशानी नहीं होती। तो अगर आपको कब्ज की समस्या है, तो हींग का सेवन करें। आप कुछ ही दिनों में राहत महसूस करेंगे।
- अगर पेट में दर्द है तो हींग को काले नमक और अजवाइन के साथ खाने से पेट दर्द ठीक हो जाता है। तो अगर आपको अक्सर पेट दर्द की समस्या होती है, तो हींग का सेवन आपके लिए फायदेमंद होता है।
- कभी-कभी गैस की समस्या से काफी तकलीफ होती है। अगर आप भी गैस की समस्या से परेशान हैं, तो आप हींग का सेवन कर सकते हैं। हींग हींग को पानी के साथ गर्म करके पेट की सिंकाई करने से दर्द और गैस की परेशानी दूर होती है।
- हींग को भूनकर गुड़ के साथ खाने से भी गैस की परेशानी कम होती है।
- कब्ज की परेशानी हो तो हींग को मीठे सोड़े के साथ रात को सोने से पहले लेने से पेट साफ होता है।
अस्थमा और ब्रोंकाइटिस में लाभदायक है हींग
जिन लोगों को सांस से संबंधित कोई परेशानी है उन्हें हींग का उपयोग खाने में जरूर करना चाहिए। हींग में एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं इसलिए यह अस्थमा और ब्रोंकाइटिस वालों को फायदा करती है। अगर आपको कफ वाली खांसी हो गयी है और उससे सांस लेने में दिक्कत आ रही है तो हींग आपके लिए बहुत उपयोगी है।
स्किन के लिए उपयोगी
हींग (Asafoetida Heeng in Hindi) में एंटी इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टी होती है इसलिए इसका इस्तेमाल स्किन से जुड़ी परेशानियों को दूर करने में होता है। स्किन में जलन होने पर हींग को लगाने से ठंडक मिलती है और जलन में राहत मिलती है।
हींग से करें सर्दी-खांसी की इलाज
हींग का इस्तेमाल सर्दी खासी में भी किया जाता है। मौसम बदलते ही सर्दी-ज़ुकाम होना नई बात नहीं है। ज़ुकाम में बंद नाक सांस लेने और बोलने में परेशान करती है। ऐसे में हींग के पानी को सीने और गले पे लगाने से राहत मिलती है। हींग के पानी को सूंघने से भी सर्दी जल्दी चली जाती है ।
सिर दर्द का इलाज
दिनभर की भाग-दौड़ और थकान से कई बार सिर में दर्द होने लगता है। सिरदर्द के इलाज के लिए हींग का उपचार बेहद फायदेमंद है। इसके लिए एक ग्लास पानी में हींग को उबाल कर ठंडा कर लें और दिन में 2-3 बार इसका सेवन करें इससे सिर दर्द ठीक होगा। यह उपचार माइग्रेन में भी कारगर है।
कांटा चुभने पर उपयोगी हींग
अक्सर घर के काम करते हुए उंगली में फांस चुभ जाना या खेलते वक्त बच्चों को कांटा चुभ जाना ऐसा होता रहता है। ऐसा होने पर उंगली पर हींग का लेप लगाने से फांस निकल जाती है और दर्द में भी आराम मिलता है।
पीरियड्स में हींग के फायदे
पीरियड्स के दौरान ज्यादातर महिला दर्द की वजह से परेशान रहती है। कभी-कभी तो ये दर्द असहनीय हो जाता है। ऐसे में हींग (Asafoetida Heeng in Hindi) का सेवन आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। यही नहीं, हींग से अनियमित मासिक धर्म और पीरिड्स के दौरान हेवी ब्लीडिंग की समस्या में भी हींग के फायदे देखे गए हैं।
माइग्रेन में हींग के फायदे
अगर आपको माइग्रेन के कारण सिर दर्द की समस्या रहती है, तो आपके लिए हींग फायदेमंद साबित हो सकता है। हींग में एंटीइंफ्लमेटरी गुण होते हैं, जो सिर दर्द ठीक करने में मदद करते हैं।
डायबिटीज में हींग के फायदे
आपको जानकर हैरानी होगी कि हींग डायबिटीज में भी फायदेमंद होता है। अगर आपको डायबिटीज की समस्या है, तो डॉक्टर की सलाह से हींग का सेवन कर सकते हैं।
नपुंसकता में हींग के फायदे
पुरुषों के लिए भी हींग के कई फायदे देखे गए हैं। अगर किसी को स्तंभन दोष जैसी समस्या है, तो हींग इस समस्या को दूर करने में मदद कर सकता है। इसके लिए आप थोड़े से हींग को घी में फ्राई करें और फिर इसमें शहद डालकर इसका सेवन करें। आपको इससे काफी फायदा होगा।
कान के दर्द में हींग के फायदे
कान के दर्द में भी हींग के फायदे कई हैं। अगर आपके कान में दर्द रहता है, तो हींग आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। कान का दर्द होने पर एक छोटे पैन में आप नारियल का तेल गर्म करें। फिर इस तेल में हिंग का छोटा टुकड़ा डाल दें और इसे पिघलने दें। फिर जब तेल ठंडा हो जाए, तो एक एक बूंद इस तेल की कान में डालें। ऐसा करने से आपको कान के दर्द से राहत मिलेगी।
ब्लड शुगर को नियंत्रित रखता है हींग
हींग का खाने में इस्तेमाल करने से शरीर का ब्लड शुगर को नियंत्रित रहता है। इसलिए डायबिटीज के पेशेंट्स को हमेशा अपने खाने में हींग का उपयोग करना चाहिए।
गठिया से राहत दिलाता है हींग
अगर आप घुटनों के दर्द से परेशान रहते हैं, तो ऐसे में पानी में हींग को मिलाकर दर्द वाली जगह पर लगाने से कुछ देर में दर्द से राहत मिलती है।
चेहरे की खूबसूरती बढ़ाता है हींग
हींग से सिर्फ बीमारियां ही दूर नहीं होती बल्कि ये आपके चेहरे की खूबसूरती बढ़ाने का काम भी करती है। जी हां, अगर आप बार-बार होने वाले पिंपल्स से परेशान रहते हैं, तो चेहरे पर हींग को पानी में मिलाकर पिंपल्स पर लगाएं और सूखने के बाद चेहरा साफ पानी से धो लें। कुछ ही दिनों में राहत मिलेगी।
नोट: अपने इस लेख के माध्यम से हमने आपको हींग से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में बताया है। लेकिन इसका किसी भी प्रकार से औषधीय रूप में सेवन करने से पहले आप अपने नजदीकी चिकित्सक से परामर्श अवश्य कर लें।
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