Dussehra ka Shubh Muhurt / Dussehra 2020 / जानिए वर्ष 2020 में दशहरा कब मनाया जाएगा / कब मनाया जाएगा विजया दशमी का त्योहार, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस त्योहार को पूरे देश में बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार, इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने लंकापति रावण का वध किया था। श्री राम के रावण पर विजय प्राप्त करने के उपलक्ष्य में ही दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को विजयदशमी भी कहा जाता है। एक दूसरी कथा के अनुसार, आज के दिन ही मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार भी किया था। Dussehra ka Shubh Muhurt
दशहरा या विजयदशमी का पर्व (The Festival of Dussehra or Vijayadashmi)
दशहरा हिंदूओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है, प्रभु श्रीराम के हाथों रावण का वध होने के बाद से ही इसे मनाने की परंपरा चली आ रही है। नवरात्रि आने में महज कुछ ही दिन बचे हैं, इस बार 17 अक्टूबर को नवरात्रि शुरु हो रही हैं वहीं विजया दशमी (Dussehra 2020) का पर्व 25 अक्टूबर के दिन मनाया जाएगा। दशहरा के दिन प्रभु श्रीराम ने रावण का वध किया था, इसके साथ ही ये भी मान्यता है कि इसी दिन मां दुर्गा ने राक्षस महिषासुर का वध किया था। मान्यता है कि इस दिन जो भी काम किया जाता है, उसका शुभ लाभ अवश्य प्राप्त होता है।
बुराई पर अच्छाई की जीत
दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का सबसे बड़ा प्रतीक माना जाता है। नवरात्रि दशहरा हिन्दू धर्म का प्रमुख त्योहार है। इस त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत और असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। हर साल यह पर्व आश्विन मास शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन मनाया जाता है। पूरे देश में विजयादशी के दिन रावण के पुतले को फूंकने की परंपरा है। ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर इस साल कब मनाया जाएगा दशहरा और क्या है शुभ मुर्हूत।
Dussehra ka Shubh Muhurt
इस वर्ष यानि सन 2020 में दशहरा मनाने की तिथि को लेकर लोगों के मन में कुछ कंफ्यूजन है। देश के कुछ प्रसिद्द ज्योतिषाचार्यों के आइये जानते हैं कि इस वर्ष दशहरा किस दिन मनाना उचित रहेगा।
सन 2020: कब है दशहरा?
पचांग के अनुसार, इस वर्ष दशहरा का त्यौहार 25 अक्टूबर 2020 को मनाया जाएगा। इस दिन सूर्य तुला राशि और चंद्रमा मकर राशि में होगा। धनिष्ठा नक्षत्र भी इसी दिन रहेगा। दशहरा का पर्व दीवाली से ठीक 20 दिन पहले आता है। इस बार नवरात्रि आठ दिनों में ही बीत जाएगी। अष्टमी और नवमी तिथियों को दुर्गापूजा एक ही दिन होगी। 24 अक्टूबर को सवेरे 6 बजकर 58 मिनट तक अष्टमी है और उसके बाद नवमी लग जाएगी। अगर दशमी दो दिन हो और केवल दूसरे ही दिन अपराह्नकाल को व्याप्त करे तो विजयादशमी दूसरे दिन मनाई जाएगी। इसके अलावा श्रवण नक्षत्र भी दशहरा के मुहूर्त को प्रभावित करता है।
अगर दशमी तिथि दो दिन पड़ती है (चाहे अपराह्ण काल में हो या ना) लेकिन, श्रवण नक्षत्र पहले दिन के अपराह्न काल में पड़े तो विजयदशमी का त्यौहार प्रथम दिन में मनाया जाएगा।
Dussehra ka Shubh Muhurt
अगर दशमी तिथि दोनों दिन पड़े, लेकिन अपराह्ण काल केवल पहले दिन हो तो उस स्थिति में दूसरे दिन दशमी तिथि पहले तीन मुहूर्त तक विद्यमान रहेगी और श्रवण नक्षत्र दूसरे दिन के अपराह्न काल में व्याप्त होगा तो दशहरा पर्व दूसरे दिन मनाया जाएगा। अगर दशमी तिथि पहले दिन के अपराह्न काल में हो और दूसरे दिन तीन मुहूर्त से कम हो तो उस स्थिति में विजयादशी त्यौहार पहले दिन ही मनाया जाएगा। इसमें फिर श्रवण नक्षत्र की किसी भी परिस्थिति को खारिज कर दिया जाएगा।
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ऐसे में इस बार जहां 25 अक्टूबर को नवमी सुबह 7।41 तक ही रहेगी। वहीं, इसके बाद दशमी शुरु हो जाएगी। जबकि यह दशमी तिथि 26 अक्टूबर को सुबह 9 बजे तक ही रहेगी। जिसके चलते दशहरा 2020 यानि विजयदशमी 2020, 25 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। जबकि दुर्गा विसर्जन 26 अक्टूबर को होगा।
इस बार आठ दिनों में ही बीत जाएंगे नवरात्र
इस बार नवरात्र आठ दिन के होंगे, अष्टमी और नवमी तिथियों को दुर्गापूजा एक ही दिन होगी। 24 अक्टूबर को सवेरे छह बजकर 58 मिनट तक अष्टमी रहेगी और उसके बाद नवमी लग जाएगी।
कब है विजय दशमी? (When is Vijayadashmi in 2020)?
इस साल विजय दशमी का त्यौहार 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इस साल मलमास (अधिकमास) लगने की वजह से नवरात्रि और दशहरा पर्व एक महीने की देरी से शुरु हो रहे हैं। इस बार नवरात्रि 17 अक्टूबर से शुरु हो रहे हैं और 24 अक्टूबर को रामनवमी है। इसके अगले दिन ही विजय दशमी होगी।
दशहरे का शुभ मुहूर्त (Dussehra ka Shubh Muhurt)
दशमी तिथि प्रारंभ: 25 अक्टूबर को सुबह 7 बजकर 41 मिनट से
विजय मुहूर्त: दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से 02 बजकर 40 तक
अपराह्न पूजा मुहूर्त: 01 बजकर 11 मिनट से 03 बजकर 24 मिनट तक
दशमी तिथि समाप्त: 26 अक्टूबर को सुबह 8 बजकर 59 मिनट तक रहेगी
दशहरे के दिन होती है शस्त्र पूजा
दशहरे का पर्व शक्ति का प्रतीक है। इस दिन हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार शस्त्र पूजा की जाती है। इस दिन महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा ने महिसासुर का वध किया था और भगवान राम ने बुराई के प्रतीक रावण का वध किया था।
आज के दिन भगवान् राम और माँ दुर्गा की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इससे सम्पूर्ण बाधाओं का नाश होता है और जीवन में विजय श्री प्राप्त होता है। इस दिन अस्त्र-शस्त्र की पूजा की जाती है। सनातन परंपरा में शस्त्र और शास्त्र दोनों का खास महत्व है। शास्त्र की रक्षा और आत्मरक्षा के लिए धर्मसम्म्त तरीके से शस्त्र का प्रयोग करना धर्मसम्मत है।
Dussehra ka Shubh Muhurt
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