Shahtoot Mulberry in Hindi / शहतूत खाने के आश्चर्यजनक फायदे और नुकसान
शहतूत (Shahtoot) एक स्वादिष्ट एवं मीठा फल होने के साथ-साथ बहुत ही सेहतमंद फल माना गया है। इसका वैज्ञानिक नाम ‘मोरस अल्बा’ है। छोटे बच्चे इस फल को बेहद पसंद करते हैं। आयुर्वेद में शहतूत के अनेक फायदे बताए गए हैं।
शहतूत (Shahtoot) में अनेक विटामिन, पोटेशियम तथा फास्फोरस प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। बहुत से लोग शहतूत को कच्चा (हरा व हल्का लाल) ही खाना पसंद करते हैं, लेकिन कुछ लोगों को पका (काला) शहतूत ज्यादा अच्छा लगता है,। शहतूत एक वानस्पतिक फल है। इसका वृक्ष छोटा एवं मध्यम आकार का होता है जो लगभग 10- 20 फीट तक ऊंचा होता है। इसे सर्वप्रथम चीन में उगाया गया था लेकिन आजकल यह वृक्ष लगभग हर देश में उगाया जा रहा है। शहतूत को हम अनेक नामों से जानते हैं जैसे संस्कृत में तूत, तुर्की भाषा में दूत, तथा मराठी में तूती कहते हैं।
अधिकतर सफेद शहतूत की खेती भारत के कुछ राज्यों जैसे उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, आदि अनेक राज्यों में की जाती है। शहतूत की अनेक किस्में पाई जाती है। इसके ज्यादातर किस्मों का इस्तेमाल जैम, जेली, पाइज, शराब, चाय तथा शरबत आदि के लिए किया जाता है। इसके अनेक किस्मों के स्वाद अलग-अलग होते हैं लेकिन काले शहतूत का स्वाद बहुत ही अच्छा होता है और यह बेहद सेहतमंद भी माना जाता है। शहतूत पोषक तत्वों से भरपूर होता है जो हमारे शरीर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इसमें उपस्थित लोहा, विटामिन सी, विटामिन के, पोटैशियम, फास्फोरस और कैल्शियम के साथ-साथ आहार फाइबर और कार्बनिक यौगिक भी मौजूद होते हैं। इसके अलावा इसमें एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं जो कि फ्री रेडिकल्स से लड़ते रहते हैं और हमारे शरीर को रोग ग्रसित होने से बचाते हैं।
शहतूत खाने के लाभ (Shahtoot khane ke fayde) (Benefits of Mulberry in Hindi)
शहतूत (Shahtoot) खाने के लाभ निम्नलिखित हैं:
रक्तचाप को नियंत्रित करने में
शहतूत (Shahtoot) का सेवन रक्तचाप को नियंत्रित करने में विशेषकर लाभकारी है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो सीधे रक्त वाहिकाओं में कुछ तंत्र के कार्यों को प्रभावित करता है, जिससे रक्त वाहिकाओं में संकुचन पैदा हो सकती है और इसकी वजह से इससे दिल के दौरे जैसी बीमारियों का खतरा कम रहता है।
आंखों के लिए उपयोगी
शहतूत (Shahtoot) में पाए जाने वाले तत्व ‘कैरोटीनाइड’ में से एक जियेजैथिनज होता है जो रेटिना मैक्यूला ल्युटिया सहित कुछ कोशिकाओं पर ऑक्सीडेटिव तनाव में कमी से सीधे जुड़ा हुआ है। इसके अलावा जियेजैथिन, एंटीऑक्सीडेंट के रूप में भी कार्य करता है और रेटीना को होने वाले अनेक नुकसान से बचाता है।
हड्डियों में लाभकारी
जैसा कि हम जानते हैं कि शहतूत (Shahtoot) में विटामिन- K, कैल्शियम और आयरन के साथ-साथ फास्फोरस और मैग्नीशियम आदि भी पाया जाता है जो ऊतकों के निर्माण और रखरखाव के लिए फायदेमंद होता है। इन विटामिनों की सहायता से ही हमारी हड्डियों और मांसपेशियों में मजबूती आती है। अतः शहतूत का सेवन हमारे लिए बहुत ही फायदेमंद साबित होता है।
मधुमेह में लाभदायक
शहतूत (Shahtoot) में पोषक तत्वों के साथ साथ ग्लूकोज भी पर्याप्त मात्रा में मिलता है। शहतूत का सेवन करने से इंसुलिन प्रतिरोध कम होता है। यदि आपको मधुमेह होने की संभावना है तो आप शहतूत का रस या शहतूत के चाय का सेवन कर सकते हैं। ऐसा करने से आपको मधुमेह में काफी लाभ होगा। शहतूत का सेवन करने से शरीर में ग्लूकोस में वृद्धि होती है। यह भोजन के बाद रक्त शर्करा को रोकता है, जिससे मधुमेह का खतरा कम होता है।
बालों को मजबूती प्रदान करने में
शहतूत का सेवन हमारे शरीर को स्वस्थ रखने के साथ साथ हमारे बालों को स्वास्थ्य और मजबूती प्रदान करता है। शहतूत हमारे बालों के विकास में सहायता करता हैं तथा इन्हें झड़ने से रोकता है। इस फल के अर्क के द्वारा बालों के फॉलिकल्स को पुनः रिजूनवनेट किया जा सकता है जिससे बाल मजबूत और चमकदार हो सकते हैं।
वजन कम करने में लाभदायक
सफेद शहतूत का सेवन नियमित रूप से करने से यह आपके वजन को कम करने में मददगार साबित होता है, क्योंकि शहतूत में भूख को दबाने की शक्ति होती है जो आपके भूख लगने की क्रिया को कम कर देती है। इसीलिए शहतूत का नियमित सेवन करने से आपका वजन धीरे धीरे कम होने लगता है।
पाचन तंत्र को मजबूती प्रदान करने में
शहतूत (Shahtoot) में फाइबर की मात्रा पाई जाती है, जो मानव शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी माना जाता है। शहतूत आपकी दैनिक आवश्यकताओं के लिए लगभग 10% फाइबर देता है और यह आहारीय फाइबर पाचन तंत्र को सुधारने में काफी सहायक होता है। इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है जिससे भोजन की गति बढ़ती है तथा साथ ही पेट संबंधी अनेक समस्याओं जैसे कब्ज, ब्लोटिंग और पेट में ऐठन की समस्या से छुटकारा मिलता है। शहतूत के नियमित सेवन हृदय के लिए भी काफी लाभदायक होता है।
ब्लड सर्कुलेशन में लाभकारी
शहतूत (Shahtoot) शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ा देता है क्योंकि शहतूत में आयरन का उच्च स्तर पाया जाता है, जिसके कारण शरीर में ब्लड सर्कुलेशन की क्रिया सुचारू रूप से होने लगती है। ब्लड सर्कुलेशन सही होने से आपका शरीर स्वस्थ और हष्ट पुष्ट होने लगता है।
त्वचा में लाभकारी
शहतूत (Shahtoot) में खनिज और विटामिन का उच्च स्तर पाया जाता है इसमें मौजूद विटामिन ए और विटामिन ई तथा साथ में बीटा कैरोटीन और अल्फा कैरोटीन जैसे घटक पाए जाते हैं। यह सभी तत्व एंटीऑक्सीडेंट के रूप में कार्य करते हैं, जो विशेष रुप से त्वचा, उत्तक, बाल और शरीर के अन्य क्षेत्रों को लाभ प्रदान करते हैं। शहतूत त्वचा को मुलायम बनाता है तथा काले दाग धब्बों को कम करता है।
इम्यून सिस्टम बढ़ाने में सहायक
शहतूत में विटामिन सी की उच्च मात्रा पाई जाती है और विटामिन सी का सेवन किसी भी बीमारी को दूर करने के लिए जरूरी होता है। शहतूत का सेवन सुबह के समय करने से हमारे इम्यून सिस्टम को बढ़ावा मिलता है। इम्यून सिस्टम के मजबूत होने से हमारे शरीर को छोटे-मोटे बीमारियों का खतरा कम होता है। अतः इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के लिए हमें विटामिन सी तथा शहतूत का सेवन करना चाहिए।
शहतूत खाने के अन्य फायदे
1. शहतूत (Shahtoot) के नियमित सेवन से खून शुद्ध होता है। यह पेट में उत्पन्न अनेक प्रकार के कीड़ों को समाप्त करता है।
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2. शहतूत (Shahtoot) को खाने से या उसके रस का पान करने से सीने का जलन समाप्त होता है, प्यास दूर होती है तथा यह कफ भी नहीं बनने देता है।
3. शहतूत पाचन क्रिया को संतुलित बनाए रखता है तथा जुकाम व गले की समस्या से मुक्ति दिलाता है।
4. शहतूत (Shahtoot) के नियमित सेवन से आंखों की रोशनी बढ़ती है, कब्ज व पेशाब संबंधी रोग दूर होता है, तथा बालों का विकास तेजी से होने लगता है।
5. कुछ लोग शहतूत का सेवन थकान तथा खून की कमी होने पर भी करते हैं। थकान को दूर करने में शहतूत की अहम भूमिका मानी जाती है।
शहतूत खाने से नुकसान (Shahtoot khane ke Nuksan) (Side Effects of Mulberry in Hindi)
1. ऐसा माना जाता है कि किसी भी चीज का असमय व अधिक मात्रा में उपयोग शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। ठीक उसी प्रकार शहतूत का बहुत अधिक मात्रा में सेवन करना त्वचा कैंसर का कारण बन सकता है, क्योंकि शहतूत में एक ऐसा यौगिक पाया जाता है जिसकी अधिक मात्रा त्वचा कैंसर का कारण बन सकता है।
2. गर्भवती तथा स्तनपान कराने वाली महिलाओं को शहतूत के सेवन से बचना चाहिए, क्योंकि ऐसी स्थिति में शहतूत के सेवन से साइड इफेक्ट हो सकता है जिससे बच्चे व माता दोनों को दिक्कत हो सकती है।
3. लीवर से परेशान व्यक्तियों को शहतूत का सेवन नहीं करना चाहिए, इससे लीवर और भी दुष्प्रभावित हो सकता है।
4. किसी भी रोग से पीड़ित व्यक्ति यदि दवा का सेवन कर रहा है तो उस व्यक्ति को शहतूत का सेवन कम मात्रा में तथा डॉक्टर के परामर्श के अनुसार करना चाहिए।
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