Swapn se kisne jagaya Kavita, स्वप्न से किसने जगाया?, महादेवी वर्मा (Mahadevi Verma) द्वारा लिखित कविता है.
स्वप्न से किसने जगाया?
मैं सुरभि हूं।
छोड़ कोमल फूल का घर,
ढूंढती हूं निर्झर।
पूछती हूं नभ धरा से-
क्या नहीं ऋतुराज आया?
Swapn se kisne jagaya Kavita
मैं ऋतुओं में न्यारा वसंत,
मैं अग-जग का प्यारा वसंत।
मेरी पगध्वनि सुन जग जागा,
कण-कण ने छवि मधुरस मांगा।
नव जीवन का संगीत बहा,
पुलकों से भर आया दिगंत।
मेरी स्वप्नों की निधि अनंत,
मैं ऋतुओं में न्यारा वसंत।
महादेवी वर्मा की कुछ प्रसिद्द प्रतिनिधि कवितायें
निम्नलिखित कवितायेँ महादेवी वर्मा की प्रसिद्द प्रतिनिधि कवितायेँ हैं.
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