भारतीय अर्थव्यवस्था और चुनौतियां Indian Economy in Hindi

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Indian Economy Hindi

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भारतीय अर्थव्यवस्था से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य निम्नलिखित हैं-

  • भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
  • 1991 से भारत में बहुत तेजी से आर्थिक प्रगति हुई है। 1991 में जबसे उदारीकरण और आर्थिक सुधार के नीति लागू की गई है, भारत बहुत तेजी से विश्व की एक आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभर कर सामने आया है।
  • विश्व बैंक ने क्रय शक्ति समानता ( परचेसिंग पावर पैरिटी) के आधार पर भारत को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था घोषित किया है। Indian Economy Hindi

भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक

भारतीय अर्थव्यवस्था के मुख्यतः तीन क्षेत्रक हैं-

प्राथमिक क्षेत्रक: इसके अंतर्गत कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, डेयरी, और वनों से प्राप्त वस्तुएं आदि आते हैं।

द्वितीयक क्षेत्रक: इसके अंतर्गत उद्योग, खनिज, व्यवसाय, विनिर्माण कार्य आदि आते हैं।

तृतीयक क्षेत्रक: यह सेवा क्षेत्रक भी कहलाता है। इसमें बैंक, बीमा, परिवहन, संचार, एवं व्यापार जैसी क्रियाएं सम्मिलित होती हैं।

अर्थव्यवस्था के प्रकार (Type of Economy in Hindi)

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विश्व में तीन प्रकार की अर्थव्यवस्था में पाई जाती हैं –

  1. पूंजीवादी अर्थव्यवस्था (Capitalist Economy)
  2. समाजवादी अर्थव्यवस्था (Socialist Economy)
  3. मिश्रित अर्थव्यवस्था (Mixed Economy)

पूंजीवादी अर्थव्यवस्था (Capitalist Economy in Hindi)

पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में उत्पादन के साधनों पर निजी व्यक्तियों का स्वामित्व होता है। अमेरिका, फ्रांस, जापान आदि देशों में यह अर्थव्यवस्था पाई जाती है।

समाजवादी अर्थव्यवस्था (Socialist Economy in Hindi)

समाजवादी अर्थव्यवस्था में उत्पादन के साधनों का स्वामित्व एवं नियंत्रण सरकार के हाथों में होता है। चीन, क्यूबा आदि देशों में इस प्रकार की अर्थव्यवस्था पाई जाती है।

मिश्रित अर्थव्यवस्था (Mixed Economy in Hindi)

मिश्रित अर्थव्यवस्था में उत्पादन के साधनों का स्वामित्व सरकार तथा निजी व्यक्तियों दोनों के पास होता है। भारत में मिश्रित अर्थव्यवस्था पाई जाती है।

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आर्थिक नियोजन (Economic Planning in Hindi)

  • चुनाव आयोग की स्थापना 15 मार्च 1950 को नियोगी समिति की सिफारिश पर हुई थी। यह एक गैर संवैधानिक संस्था थी।
  • 1 जनवरी 2015 को योजना आयोग को समाप्त कर उसकी जगह पर नीति (NITI) आयोग का गठन किया गया।
  • नीति आयोग का अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है।
  • राष्ट्रीय विकास परिषद एनडीसी का गठन 6 अगस्त 1952 को किया गया। इसका काम पंचवर्षीय योजनाओं को अंतिम रूप से अनुमोदित करना था।
  • राष्ट्रीय आय द्वारा प्रतिवर्ष वस्तुओं एवं सेवाओं के प्रवाह का अनुमान लगाया जाता है।
  • राष्ट्रीय आय का अनुमान केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (CSO) द्वारा किया जाता है।
  • मानव विकास सूचकांक सन 1990 में महबूब उल हक और उनके सहयोगी अमर्त्य सेन द्वारा तैयार किया गया।
  • मानव विकास सूचकांक रिपोर्ट (UNDP) संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा प्रतिवर्ष जारी किया जाता है।
  • यूएनडीपी की रिपोर्ट के आधार पर भारतीय राज्यों में मध्यप्रदेश ने पहली मानव विकास सूचकांक रिपोर्ट जारी की थी।
  • वैश्विक भुखमरी सूचकांक को वाशिंगटन स्थित इंटरनेशनल फूड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा जारी किया जाता है।
  • 2016 में भारतीय वैश्विक भुखमरी सूचकांक में 118 देशों में 97वाँ स्थान पर तथा वर्ष 2017 में 119 देशों में 100वें स्थान पर है।
  • राष्ट्रीय समृद्धि सूचकांक सामाजिक आर्थिक विकास के मापन का सूचकांक है।
  • सतत विकास की अवधारणा का विकास सर्वप्रथम सन 1987 में ब्रंटलैंड कमीशन के रिपोर्ट के आधार पर तैयार किया गया।
  • संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक विभाग द्वारा सहस्राब्दी विकास लक्ष्यों के आकलन हेतु सहस्राब्दी विकास लक्ष्य रिपोर्ट 2015 जारी किया गया, जिसमें वैश्विक स्तर पर प्रतिदिन 1।90 $ से कम पर जीवन निर्वाह करने वालों का आकलन किया जाता है।

भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए प्रमुख समस्याएं

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भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सबसे महत्वपूर्ण तीन समस्याएं निम्नलिखित हैं-

  1. जनसंख्या (Population)
  2. निर्धनता (Poverty)
  3. बेरोजगारी (Unemployment)

जनसंख्या (Population in Hindi)

  • भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए जनसंख्या वास्तव में एक बहुत बड़ी समस्या बन के उभरी है। जनसंख्या का सुव्यवस्थित अध्ययन जनांकिकी या डेमोग्राफी कहलाता है।
  • अकारिकी जनांकिकी में अधिकांश जनसंख्या के आकार का अध्ययन किया जाता है।
  • सामाजिक जनांकिकी में लोगों के सामाजिक आर्थिक एवं राजनीतिक पक्षों का अध्ययन किया जाता है।
  • जनांकिकीय संक्रमण सिद्धांत का प्रतिपादन वारेन थाम्पसन ने किया था। परंतु फ्रेंक नोटेंस्टीन ने वर्ष 1945 में इसे व्यवस्थित स्वरूप प्रदान किया।
  • 15 फरवरी 2000 को डॉक्टर एम. एस. स्वामीनाथन की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ दल की रिपोर्ट पर केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय जनसंख्या नीति की घोषणा की।
  • इस नीति का मुख्य उद्देश्य जनन क्षमता दर को प्रतिस्थापित करना एवं दीर्घकालिक उद्देश्य 2070 तक स्थिर जनसंख्या को प्राप्त करना है।
  • राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग 11 मई 2000 का मुख्य उद्देश्य जनसंख्या नीति का क्रियान्वयन सुनिश्चित करना है।
  • राष्ट्रीय जनसंख्या परिषद 1969 जनसंख्या की रूपरेखा तैयार करने में अहम भूमिका निभाता है।
  • आधार( भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) की स्थापना इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत 12 जुलाई 2016 को की गई।
  • जनगणना का प्रथम प्रयास 1872 ईसवी में पहली बार लॉर्ड मेयो के समय में किया गया।
  • क्रमबद्ध जनसंख्या की गणना या जनगणना की शुरुआत 1881 ईसवी में लॉर्ड रिपन के समय से हुआ।
  • 1911- 21 का समय भारतीय जनसंख्या की महान विभाजक रेखा कहीं जाती है।

निर्धनता या गरीबी (Poverty in Hindi)

  • निर्धनता वह सामाजिक क्रिया है जिसमें समाज का एक भाग अपने जीवन की आधारभूत आवश्यकताओं को भी पूरा नहीं कर पाता है।
  • निर्धनता या गरीबी मापने के लिए 2 तरीके अपनाए जाते हैं निरपेक्ष निर्धनता और सापेक्ष निर्धनता।
  • निरपेक्ष निर्धनता अल्पविकसित देशों में गरीबी मापने का सबसे अधिक उपयुक्त तरीका है। भारत जैसे देशों में यह प्रचलित है।
  • सापेक्ष निर्धनता विकसित देशों में गरीबी मापने हेतु प्रयुक्त होता है। इसी गिनी गुणांक तथा लॉरेंज वक्र द्वारा मापा जाता है।
  • सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्य की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र ने गरीबों के जीवन में सुधार हेतु किया था।
  • भारत में सर्वप्रथम गरीबी का अध्ययन 1870 ईसवी में दादा भाई नौरोजी ने किया
  • सर्वप्रथम गरीबी रेखा के निर्धारण का प्रयास योजना आयोग द्वारा वर्ष 1962 में किया गया।
  • वर्ष 1989 में प्रोफेसर डीटी लकड़ावाला की अध्यक्षता में निर्धनों की संख्या और उनके अनुमान के आकलन हेतु इस समिति का गठन योजना आयोग के द्वारा किया गया था।
  • वर्ष 1997 में योजना आयोग ने लकड़ावाला फार्मूले को निर्धनता माप के लिए नवी पंचवर्षीय योजना में स्वीकार किया।
  • भारत में निर्धनता रेखा से नीचे बीपीएल के लोगों की पहचान के लिए योजना आयोग ने वर्ष 2008 में सुरेश तेंदुलकर की अध्यक्षता में एक समिति गठित की।
  • अर्जुन सेनगुप्ता समिति 2007 की रिपोर्ट में पहली बार यह कहा गया था कि भारत में 77% जनसंख्या ₹20 प्रतिदिन से जीवन यापन करने को विवश है।
  • योजना आयोग समूह का गठन सिम की अध्यक्षता में 13 मई 2010 को हुआ था इसका उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की पहचान पेश किया गया था।
  • रंगराजन समिति का गठन 24 मई 2012 को गरीबी की परिभाषा और गरीबों की संख्या तय करने हेतु की गई थी।

बेरोजगारी (Unemployment in Hindi)

  • बेरोजगारी व समस्या है जब काम करने की इच्छुक हो उसकी क्षमता के अनुसार प्रचलित बाजार दर पर वर्ष में 180 दिन तक काम ना मिल पाए। इस अवस्था को बेरोजगारी कहते हैं।
  • भारत में बेरोजगारी की दर 2015 16 में 5 परसेंटेज पहुंच गई है लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। भारत में पाई जाने वाली बेरोजगारी के रूप हैं, मौसमी बेरोजगारी, खुली बेरोजगारी और प्रच्छन्न बेरोजगारी
  • भगवती समिति की सिफारिश पर बेरोजगारी हेतु एक समिति राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण संगठन (NSSO) की शुरुआत की गई।
  • ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में स्वास्थ्य सुविधा के साथ कौशल विकास तथा श्रम भवन उद्योगों के विकास पर बल दिया गया है।
  • करंट डेली स्टेटस को रोजगार और बेरोजगारी के अनुमान के लिए प्रयोग में लाया जाता है।

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