Computer Hindi / कंप्यूटर क्या हैं? परिभाषा, विभिन्न भाग और इनकी जानकारियाँ / What is Computer in Hindi
कंप्यूटर की परिभाषा Definition of Computer in Hindi
कंप्यूटर (Computer) अंग्रेजी भाषा के “COMPUTE” शब्द से बना है जिसका अर्थ होता है “गणना करना”। अत: यह स्पष्ट है कि Computer का सीधा संबंध गणना करने वाले यंत्र से है. जब कंप्यूटर का आविष्कार हुआ था तब यह एक गणना करने वाला यंत्र ही था लेकिन वर्तमान में इसका क्षेत्र केवल गणना करने तक सीमित न रहकर अत्यंत व्यापक हो चुका हैं। आज के समय में कंप्यूटर (Computer) एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो इनपुट डिवाइस के द्वारा डाटा को स्वीकार करता है, फिर उसे प्रोसेस करता है और उसके बाद आउटपुट डिवाइस के द्वारा हमको रिजल्ट दिखाता है। कंप्यूटर में डाटा को स्टोर भी किया जा सकता है जिससे इसे भविष्य में इस्तेमाल किया जा सके.
कम्प्यूटर अपनी उच्च संग्रह क्षमता (High Storage Capacity), गति (Speed), स्वचालन (Automation), क्षमता (Capacity), शुद्धता (Accuracy), सार्वभौमिकता (Versatility), विश्वसनीयता (Reliability), याद रखने की शक्ति के कारण हमारे जीवन के हर क्षेत्र में महत्वपूर्ण होता जा रहा है। Computer द्वारा बहुत ही कम समय में अत्यधिक तीव्र गति से गणनाएं की जा सकती है. कम्प्यूटर द्वारा दिये गये परिणाम अधिक शुद्ध होते है। Computer Hindi
Computer का इस्तेमाल आजकल विश्व के हर क्षेत्र में किया जा रहा है जैसे: अंतरिक्ष, फिल्म निर्माण, यातायात, उद्योग एवं व्यापर, एअरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, स्कूल, कॉलेज, आदि। Computer के द्वारा जहाँ एक तरफ रेलवे, हवाईजहाज, फिल्म सिनेमा के तिच्क्त तथा होटलों में सीटों का आरक्षण होता है वही दूसरी तरफ बैंको में Computer की वजह से कामकाज बहुत तेजी तथा सटीकता से हो रहा है. आप अक्सर देखा होगा कि पहले सरकारी या प्राइवेट कार्यालयों में, बैंकों इत्यादि में काम के लिए फाइल्स और डाक्यूमेंट्स यानि पेपरवर्क की जरुरत पड़ती थी लेकिन कंप्यूटर ने ऐसा विस्तार पकड़ा कि अब हर कार्यालय/ऑफिस में आपको सिर्फ Computer ही नज़र आएंगे. इसका सिंपल सा कारण यही है कि Computer द्वारा बहुत ही कम समय में अत्यधिक तीव्र गति से गणनाएं की जा सकती है तथा इसके द्वारा दिये गये परिणाम अधिक शुद्ध होते है।
कंप्यूटर का फुल फॉर्म क्या है?
वैसे तो कंप्यूटर (Computer) कोई शब्द-संक्षेप नहीं है जिसका कोई फुल फॉर्म हो लेकिन फिर भी लोगों ने अपनी बुद्धि के हिसाब से इसका फुल फॉर्म बनाया है. चलिए देखते हैं कि इसका फुल फॉर्म क्या है?
C: Commonly
O: Operated
M: Machine
P: Particularly
U: Used for
T: Technical
E: Educational
R: Research
कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया? (Father of Computer in Hindi)
कंप्यूटर का आविष्कार दुनिया के सबसे बड़े आविष्कारों में से एक है। लेकिन कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया था इसका एक सीधा सा जवाब देना आसान नहीं है क्योंकि कंप्यूटर एक single machine नहीं है बल्कि बहुत सारी यांत्रिक हिस्सों का एक समुच्चय है.
इन हिस्सों का अलग-अलग वैज्ञानिकों ने अलग अलग समय में आविष्कार किया है इसलिए इस प्रश्न का उत्तर कंप्यूटर के क्लासिफिकेशन पर निर्भर करता है.
अगर सबसे पहले कंप्यूटर की बात की जाए तो उसका आविष्कार जिस इंसान ने किया था उनका नाम Charles Babbage है. Charles Babbage कंप्यूटर के पिता कहे जाते हैं जिन्होंने 1822 में Differential engine नाम से mechanical कंप्यूटर बनाया था। वैसे तो इस को develop या विकसित करने में बहुत सारे लोगों ने वक़्त के साथ योगदान दिया है। 1837 में उन्होंने Analytical engine के रूप में पहला modern सिस्टम दुनिया के सामने लाया।
इसे भी पढ़ें: SEO क्या है? इसे करते कैसे हैं?
Analytical engine में ALU ( Arithmetic and Logic unit), basic flow control और integrated memory का प्रयोग किया था। आजकल के सिस्टम भी इसी मॉडल के आधार पर बनाये जाते हैं। यही वजह है की उन्हें modern age सिस्टम का जनक कहा जाता है।
कंप्यूटर कैसे काम करता है? (How Computer works?)
कंप्यूटर हमारे निर्देश पर हमारे प्रोग्राम के अनुसार ही कार्य करता हैं. प्रत्येक प्रोग्राम को कोई कार्य करने के लिए इनपुट डाटा की आवश्यकता होती है। हम इनपुट साधनों जैसे: की-बोर्ड, माउस, स्केनर आदि के द्वारा अपना इनपुट डाटा तथा प्रोग्राम कंप्यूटर को देते हैं, इसके बाद कंप्यूटर का सी.पी.यू. अथवा प्रोसेसर हमारे प्रोग्राम द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करता है. यह प्रोग्राम इस तरह से लिखा गया होता है कि उसका ठीक-ठीक पालन करने से हमारा कार्य पूर्ण हो जाता है. इसके बाद प्रोग्राम का परिणाम अर्थात आउटपुट किसी आउटपुट साधन जैसे मॉनिटर स्क्रीन या प्रिंटर पर भेज दिया जाता है, जिसे हम देख तथा पढ़ सकते हैं.
Input: सबसे पहले input device का प्रयोग करके यूजर जो डाटा (data) कंप्यूटर में डालता है उसे input कहते हैं. ये set of data या information होता है। जोकि different types के होते हैं जैसे letters, numbers, words, audio, video इत्यादि।
Processing: यह एक internal process होता है। इसमें Input किये हुए डाटा को program में दिए instruction के आधार पर computer का CPU process करता है।
Output: जब Processed data को मॉनिटर पे रिजल्ट के रूप में दिखाया जाता है तो उसे output कहते हैं। जब डाटा process हो जाता है तो वो monitor स्क्रीन, प्रिंटर, audio device के जरिये हमे मिल जाता है।
कंप्यूटर के भाग (Parts of a Computer in Hindi)
कंप्यूटर एक electronic device है जो कई सारे parts से मिलकर बना होता है. कंप्यूटर के कुछ parts necessary होते हैं जिनके बिना सिस्टम work नहीं कर सकता है तो कुछ पार्ट्स वैसे भी होते हैं जिसे हम अपने extra work को पूरा करने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
Input Devices
Computer के अंदर डाटा को enter करने के लिए हम जिस device का use करते हैं उन्हें इनपुट डिवाइस कहते हैं। ये डाटा और instruction हम input devices का इस्तेमाल कर के अलग अलग form में enter करते हैं। Input device human और कंप्यूटर के बीच डायरेक्ट communicate करने का माध्यम होता है। Input device ऐसे device हैं जो instruction और डाटा को input करने के बाद सीधे CPU तक पहुंचते हैं। इन device से गए हुए instruction सिस्टम के दिमाग को बताते हैं की use करना क्या है? Input device अलग अलग प्रकार के होते हैं जिससे डाटा और instruction को input किया जाता है जैसे: Keyboard, Light pen, Digital Camera, Mouse, Scanner आदि.
Motherboard
Motherboard Computer का main circuit board होता है। इसमें सभी हिस्सों को connect किया जाता है। CPU, keyboard, प्रिंटर, मॉनिटर और भी devices cables से directly motherboard से कनेक्टेड होते हैं. Motherboard कंप्यूटर के अंदर एक hardware होता है। इसे हम सिस्टम का backbone भी बोलते हैं।
PC और लैपटॉप के अलावा भी बहुत सारी devices हैं जिसमे motherboard इस्तेमाल किया जाता है। जैसे: Mobile और tablet जैसे devices में भी motherboard होता है। अलग अलग डिवाइस के motherboard की shape और size डिवाइस के अनुसार होती है। कुछ पार्ट्स तो सीधे motherboard में ही connected होते हैं।
CPU: (Central Processing Unit)
CPU यानि Central Processing Unit को कंप्यूटर का दिमाग भी कहा जाता है. जिस तरह इंसान अपने दिमाग से सोचता है और decision लेता है उसी तरह कंप्यूटर में भी CPU इंसान के दिमाग की तरह ही काम करता है। इसको बहुत सारे नामो से भी जाना जाता है, जैसे e-brain processor, central processor, और micro processor आदि.
CPU कंप्यूटर सिस्टम के cabinet के अंदर Motherboard में होता है। वर्ल्ड का पहला processor Intel कंपनी ने 1970 में बनाया था। CPU किसी सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर से आने वाले instruction को follow करता है और कंट्रोल करता है।
CPU के मुख्यत: 2 पार्ट्स होते हैं:
- ALU: Arithmetic and Logical Unit
- CU: Control Unit
ALU यानि Arithmetic and Logical Unit दोनों तरह के डाटा (numerical or logical data) को कैलकुलेट करता है और निर्णय लेता है। ये addition, subtraction, multiplication, division के साथ ही logical data ( < = > and , or ) को प्रोसेस करता है।
CU यानि Control Unit कंप्यूटर के सारे कामों को कंट्रोल करता है। इस के सारे पार्ट्स को जैसे input, output, processor के काम को नियंत्रित करता है।
Output Device
कंप्यूटर में डाटा प्रोसेस हो जाने के बाद रिजल्ट यानि output को देखने के लिए जिन devices को कंप्यूटर सिस्टम प्रयोग करता है उसे output devices बोला जाता है। Output devices sound, video, photo etc के रूप में यूजर को डाटा output कर के देता है।
Output device के उदहारण हैं: Monitor, Speaker, Printer, Projector, earphone इत्यादि। ये सभी device information में हमे output कर के दिखती है।
Hard Disk Drive
Hard disk drive कंप्यूटर के storage के रूप में कार्य करता है। यानि की जितने भी डाटा होते हैं जैसे videos, MP3, documents इत्यादि सभी तरह के फाइल्स को जहाँ सेव कर के रखा जाता है उसे hard drive बोलते हैं। ये permanent storage device होता है जिसमे जब तक चाहे तब तक डाटा स्टोर कर के रख सकते हैं।
RAM: Random Access Memory
RAM का फुल फॉर्म Random Access memory होता है. RAM को main memory या primary memory या volatile memory भी कहा जाता है। इसे volatile memory इसीलिए बोलते हैं क्योंकि यह डाटा को temporarily स्टोर करता है। RAM कंप्यूटर सिस्टम की स्पीड को increase करता है। इसीलिए जितनी हाई कैपेसिटी RAM होगा कंप्यूटर सिस्टम की स्पीड उतनी ही तेज होगी।
जब कोई यूजर कंप्यूटर सिस्टम में काम करता है तो काम करते वक़्त जितना भी यूजर काम करता है, RAM उसे स्टोर कर के रखता है। लेकिन अगर किसी वजह से डाटा सेव नहीं किया और पावर चली गई तो सारा डाटा भी lost हो जायेगा। RAM यानि temporary memory सिर्फ काम करते वक़्त डाटा को सेव करती है। इसे permanently स्टोर करने के लिए उसे hard drive में ही स्टोर करना जरुरी है।
Power Supply
SMPS यानि Switched Mode Power Supply एक इलेक्ट्रिकल डिवाइस है जो सिस्टम के सभी पार्ट्स को पावर supply करता है।
Leave a Reply