Mahasagar Ocean in Hindi / महासागर क्या हैं?, महासागर क्यों महत्वपूर्ण हैं?, महासागर कितने विस्तृत हैं?, महासागरों की गहराई, महासागरों की संख्या और उनकी विस्तृत जानकारी
महासागर क्या हैं? (What is Ocean in Hindi)?
इस विशाल पृथ्वी पर लगभग 71% जल है. इस विशाल जलमंडल में सबसे ज्यादा खारा पानी है, बर्फ की चट्टानें हैं जिन्हें ग्लेशियर कहते हैं, नदियों का जल है तथा जलीय जीवन है. इस पृथ्वी पर व्याप्त खारे पानी का भण्डार जो असीमित है तथा जो पृथ्वी में टुकड़ों की तरह तैरते हुए प्रतीत होते हैं उसे महासागर या समुद्र कहते हैं. महासागर जलमंडल का सबसे बड़ा और प्रमुख भाग है। यह खारे पानी का विशाल क्षेत्र है। यह पृथ्वी का 71% भाग अपने आप से ढांके रहता है (लगभग 36.1 करोड वर्ग किलोमीटर)| जिसका आधा भाग 3000 मीटर (3 किलोमीटर से भी गहरा है।
महासागर (Mahasagar Ocean)असीमित हैं इनकी सीमा वही है जहाँ ये महाद्वीपों से जुड़े हुए हैं. इस तरह से कहा जाए तो ये पृथ्वी के सातों महादीपों को आपस में जोड़े हुए जलीय भाग हैं. पुराने समय में इन्ही महासागरों के जरिये व्यापार किया जाता था. अंग्रेज, डच, फ़्रांसिसी और पुर्तगाली भी इन्हीं रास्तों से भारत आये थे.
महासागर क्यों महत्वपूर्ण हैं? (Why are Oceans important)?
सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण होने के कारण महासागर अत्यंत उपयोगी हैं। महासागरों के प्रति जागरूकता के उद्देश्य से हर साल 8 जून को विश्व महासागर दिवस के रूप में मनाया जाता है।
महासागर कितने विस्तृत हैं? (How big Oceans are)?
महासागरों की विशालता का अनुमान आप इससे ही लगा सकते हैं कि पृथ्वी के सम्पूर्ण भूभाग का लगभग 71% भाग महासागर (Mahasagar Ocean) हैं. यह लगभग 36.1 करोड वर्ग किलोमीटर में फैले हुए हैं.
महासागरों की गहराई (Depth of Ocean in Hindi)
महासागरों की औसत गहराई 3700 मीटर है. महासागरों में सबसे गहरा क्षेत्र प्रशांत महासागर में मारिआना ट्रेंच की है जो कि 10994 मीटर गहरा है. इसकी गहराई का अंदाजा आप इस बात से लगाइए कि विश्व का सबसे ऊँचा पर्वत माउंट एवेरेस्ट अगर इस जगह दाल दिया जाए तो वो भी डूब जायेगा और उसकी चोटी से 2 किलोमीटर (2000 मीटर) ऊपर तक पानी रहेगा.
महासागरों में कितना पानी है? (Water in Ocean)
यू एस जिओलोजिकल (U.S. Geological Survey) के अनुसार महासागरों में 1386000000 क्यूबिक किलोमीटर पानी है. इसको ऐसे समझिये कि अगर धरती की सतह को समतल करके उसपे महासागरों का पानी डाल दिया जाये तो पृथ्वी पर 2.25 किलोमीटर मोटी पानी की परत बन जाएगी.
इस विश्व के 5 प्रमुख महासागर निम्नलिखित हैं:
- प्रशान्त महासागर (Pacific Ocean)
- अन्ध महासागर/ अटलांटिक महासागर (Atlantic Ocean)
- हिन्द महासागर (Indian Ocean)
- दक्षिणध्रुवीय महासागर(Southern Ocean)
- उत्तरध्रुवीय महासागर (Arctic Ocean)
1. प्रशान्त महासागर (Pacific Ocean)
प्रशान्त महासागर (Pacific Ocean) विश्व का सबसे बड़ा और सबसे गहरा महासागर है. यह त्रिभुजाकार में फैला हुआ है और सम्पूर्ण पृथ्वी का लगभग 30% जल धारण करता है. इसका क्षेत्रफल 161800000 वर्ग किलोमीटर के बराबर है. इसका क्षेत्रफल 6,36,34,000 वर्ग मील, अर्थात अटलांटिक महासागर के दुगुने से भी अधिक है। यह फिलिपींस तट से लेकर पनामा 9,455 मील चौड़ा तथा बेरिंग जलडमरूमध्य से लेकर दक्षिण अंटार्कटिका तक 10,492 मील लंबा है। इसका उत्तरी किनारा केवल 36 मील का बेरिंग जलडमरूमध्य द्वारा आर्कटिक सागर से जुडा है। इसका इतने बड़े क्षेत्र में फैले होने के कारण यहाँ के निवासी, वनस्पति, पशु तथा मनुष्यों की रहन-सहन में पृथ्वी के अन्य भागों के महासागरों की अपेक्षा बड़ी विभिन्नता है। प्रशांत महासागर की औसत गहराई लगभग 14,000 फुट है तथा अधिकतम गहराई लगभग 35,400 फुट है. यह महासागर (Mahasagar Ocean) अटलांटिक महासागर का सहवर्ती है।
इसका नाम प्रशान्त महासागर क्यों पड़ा?
प्रशान्त महासागर (Mahasagar Ocean) के नाम के साथ एक कहानी जुडी हुई है. प्रशान्त महासागर अटलांटिक महासागर का सहवर्ती है लेकिन अटलांटिक महासागर की तुलना में काफी शांत है. एक पुर्तगाली अन्वेषक जिसका नाम मैगलन था वह पृथ्वी की परिक्रमा करने वाले पहले दल का नेतृत्व कर रहा था. जब मैगलन का दल तूफानी अटलांटिक महासागर को पार करके प्रशान्त महासागर में आया तो उसे प्रशान्त महासागर का जल अटलांटिक महासागर की तुलना में काफी शांत दिखा, अतः इसका नाम प्रशान्त महासागर पड़ा
2. अन्ध महासागर/ अटलांटिक महासागर (Atlantic Ocean)
अन्ध महासागर या अटलांटिक महासागर (Atlantic Ocean) उस विशाल जलराशि का नाम है जो यूरोप तथा अफ्रीका महाद्वीपों को नई दुनिया के महाद्वीपों से पृथक करती है। क्षेत्रफल और विस्तार में यह दुनिया का दूसरे नंबर का महासागर है जिसने पृथ्वी का लगभग 20% क्षेत्र घेर रखा है। आर्कटिक सागर, जो बेरिंग जलडमरूमध्य से उत्तरी ध्रुव होता हुआ स्पिट्सबर्जेन और ग्रीनलैंड तक फैला है, मुख्यतः अंधमहासागर का ही अंग है। इस प्रकार उत्तर में बेरिंग जल-डमरूमध्य से लेकर दक्षिण में कोट्सलैंड तक इसकी लंबाई १२,८१० मील है। इसी प्रकार दक्षिण में दक्षिणी जार्जिया के दक्षिण स्थित वैडल सागर भी इसी महासागर का अंग है। इसका क्षेत्रफल इसके अंतर्गत समुद्रों सहित ४,१०,८१,०४० वर्ग मील है। अंतर्गत समुद्रों को छोड़कर इसका क्षेत्रफल ३,१८,१४,६४० वर्ग मील है। विशालतम महासागर न होते हुए भी इसके अधीन विश्व का सबसे बड़ा जलप्रवाह क्षेत्र है। उत्तरी अंधमहासागर के पृष्ठतल की लवणता अन्य समुद्रों की तुलना में पर्याप्त अधिक है। इसकी अधिकतम मात्रा ३.७ प्रतिशत है जो २०°- ३०° उत्तर अक्षांशों के बीच विद्यमान है। अन्य भागों में लवणता अपेक्षाकृत कम है।
इसका नाम अटलांटिक महासागर क्यों पड़ा?
इस महासागर का नाम ग्रीक संस्कृति से लिया गया है जिसमें इसे नक्शे का समुद्र भी बोला जाता है। इस महासागर का आकार लगभग अंग्रेजी अक्षर 8 के समान है। लंबाई की अपेक्षा इसकी चौड़ाई बहुत कम है। एक मान्यता के अनुसार इसका अंग्रेजी नाम अटलांटिक यूनानी देवता एटलस के नाम पर पड़ा है.
3. हिन्द महासागर (Indian Ocean)
हिन्द महासागर (Indian Ocean) दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा समुद्र है और पृथ्वी की सतह पर उपस्थित पानी का लगभग 20% भाग इसमें समाहित है। उत्तर में यह भारतीय उपमहाद्वीप से, पश्चिम में पूर्व अफ्रीका; पूर्व में हिन्दचीन, सुंदा द्वीप समूह और ऑस्ट्रेलिया, तथा दक्षिण में दक्षिणध्रुवीय महासागर से घिरा है। हिन्द महासागर में स्थित मुख्य द्वीप मेडागास्कर विश्व का चौथा सबसे बड़ा द्वीप है, रीयूनियन द्वीप, कोमोरोस, सेशेल्स, मालदीव, मॉरिशस, श्रीलंका और इंडोनेशिया का द्वीपसमूह जो इस महासागर की पूर्वी सीमा का निर्धारण करते हैं।
इसका नाम हिन्द महासागर क्यों पड़ा?
विश्व में केवल यही एक महासागर है जिसका नाम किसी देश के नाम यानी, हिन्दुस्तान (भारत) के नाम है। संस्कृत में इसे रत्नाकर यानि रत्न उत्पन्न करने वाला कहते हैं, जबकि प्राचीन हिन्दू ग्रंथों में इसे हिन्द महासागर कहा गया है।
4. दक्षिणध्रुवीय महासागर (Southern Ocean)
दक्षिणध्रुवीय महासागर, जिसे दक्षिणी महासागर या अंटार्कटिक महासागर भी कहा जाता है. यह विश्व के सबसे दक्षिण में स्थित एक महासागर है। इसका विस्तार 60° दक्षिण अक्षांश से दक्षिण में है और यह संपूर्ण अंटार्कटिका महाद्वीप को घेरे हुये है (उत्तर दिशा से)। यह पाँच विशाल महासागरों मे से चौथा सबसे बड़ा महासागर है। इस महासागरीय क्षेत्र में उत्तर की ओर बहने वाला ठंडा अंटार्कटिक जल, गर्म उप-अंटार्कटिक जल से मिलता है।
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भूगोलविज्ञानियों में दक्षिणध्रुवीय महासागर की उत्तरी सीमा को लेकर मतभेद हैं यहाँ तक कि कुछ तो इसके अस्तित्व को ही नकारते हैं और इसे दक्षिणी प्रशांत महासागर, दक्षिणी अटलांटिक महासागर या हिन्द महासागर का दक्षिणी हिस्सा मानते हैं। कुछ भूगोलविज्ञानी अंटार्कटिक सम्मिलन को वह महासागरीय क्षेत्र मानते हैं जिसकी उत्तरी सीमा जो इसे अन्य महासागरों से पृथक करती हैं, 60वीं अक्षांश नहीं है, अपितु यह मौसमानुसार बदलती रहती हैं।
इसका नाम दक्षिणध्रुवीय महासागर क्यों पड़ा?
यह विश्व का सबसे दक्षिणतम महासागर है। इसका विस्तार 60° दक्षिण अक्षांश से दक्षिण में है और यह संपूर्ण अंटार्कटिका महाद्वीप को घेरे हुये है यही कारण है कि इसका नाम दक्षिणध्रुवीय महासागर पड़ा.
5. उत्तरध्रुवीय महासागर (Arctic Ocean)
उत्तरध्रुवीय महासागर (Arctic Ocean) पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में स्थित है. इसका विस्तार अधिकतर आर्कटिक उत्तर ध्रुवीय क्षेत्र में है। विश्व के पांच प्रमुख समुद्री प्रभागों (पांच महासागरों) में से यह सबसे छोटा और उथला महासागर है। अंतरराष्ट्रीय जल सर्वेक्षण संगठन (UPC) इसको एक महासागर स्वीकार करता है जबकि, कुछ महासागरविज्ञानी इसे आर्कटिक भूमध्य सागर या केवल आर्कटिक सागर कहते हैं और इसे अन्ध महासागर के भूमध्य सागरों में से एक मानते हैं।
लगभग पूरी तरह से यूरेशिया और उत्तरी अमेरिका से घिरा, आर्कटिक महासागर आंशिक रूप से साल भर में समुद्री बर्फ के ढका रहता है (और सर्दियों में लगभग पूर्ण रूप से). आर्कटिक महासागर का तापमान और लवणता, मौसम के अनुसार बदलती रहती है क्योंकि इसकी बर्फ पिघलती और जमती रहती है। पांच प्रमुख महासागरों में से इसकी औसत लवणता सबसे कम है, जिसका कारण कम वाष्पीकरण, नदियों और धाराओं से भारी मात्रा में आने वाला मीठा पानी और उच्च लवणता वाले महासागरों से सीमित जुड़ाव जिसके कारण यहां का पानी बहुत कम मात्रा में इन उच्च लवणता वाले महासागरों बह कर जाता है। ग्रीष्म काल में यहां की लगभग 50% बर्फ पिघल जाती है। राष्ट्रीय हिम और बर्फ आँकड़ा केन्द्र, उपग्रह आँकड़ों का प्रयोग कर आर्कटिक समुद्री बर्फ आवरण और इसके पिघलने की दर के पिछले सालों के आंकड़ों के आधार पर एक तुलनात्मक दैनिक रिकॉर्ड प्रदान करता है।
इसका नाम उत्तरध्रुवीय महासागर क्यों पड़ा?
यह महासागर पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में स्थित है. इसका विस्तार अधिकतर आर्कटिक उत्तर ध्रुवीय क्षेत्र में है। यही कारण है कि इसका नाम उत्तरध्रुवीय महासागर पड़ा.
महासागर के अन्दर जीवन (Life under Oceans)
महासागरों के अन्दर लगभग 20 लाख विभिन्न तरह की प्रजातियाँ पाई जाती हैं. इनमे से लगभग 230000 तरह की प्रजातियों को पहचान लिया गया है जबकि अन्य प्रजातियों के बारे में खोजबीन अभी जारी है. तटीय क्षेत्रों में स्थित मैंग्रोव जैसी वनस्पतियों से संपन्न वन, समुद्र के अनेक जीवों के लिये नर्सरी बनकर विभिन्न जीवों को आश्रय प्रदान करते हैं। अपने आरंभिक काल से आज तक महासागर जीवन के विविध रूपों को संजोए हुए हैं। महासागर पृथ्वी के सबसे विशालकाय जीव व्हेल से लेकर सूक्ष्म जीव को रहने के लिये ठिकाना मुहैया कराते हैं। Mahasagar Ocean
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