लोक सभा चुनाव में बीजेपी की धमाकेदार जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने बहुत सूझबूझ के साथ अपना मंत्रिमंडल चुना है. इस मंत्रिमंडल में हर वर्ग की हिस्सेदारी हो इसका पूरा ध्यान रखा है. इस बार पिछले मंत्रिमंडल में शामिल 13 बड़े चेहरे गायब हैं जो पिछली सरकार में मंत्री थे. कुछ नाम तो हैरान करने वाले हैं. बीजेपी नेताओं का तर्क है कि जोश के ऊपर होश और अनुभव को तरजीह दी गई.
आइए उन चेहरों से मिलते हैं जो पिछली सरकार में मंत्री थे लेकिन इस बार उनकी मंत्री पद से छुट्टी कर दी गई.
अरुण जेटली
अरुण जेटली पिछले मंत्रिमंडल के कद्दावर नेता थे. चुनाव हरने के बाद भी पिछली सरकार में वित्त मंत्री थे. लेकिन इस सरकार से वो बाहर हैं. हालांकि खुद अरुण जेटली ने सेहत का हवाला देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर मंत्रीपद की जिम्मेदारी नहीं देने की अपील की थी.
सुषमा स्वराज
सुषमा स्वराज जो पिछले मंत्रिमंडल में विदेश मंत्री थी और पिछले 5 सालों में शानदार तरीके से काम किया. लोग सीधे ट्विटर पर सुषमा से मदद मांगते थे और विदेश मंत्री मदद के लिए हाजिर रहती थीं. लेकिन इस सरकार में सुषमा शामिल नहीं हुईं. हालांकि उन्होंने सेहत का हलावा देकर पहले चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था.
महेश शर्मा
महेश शर्मा एक बार फिर उत्तर प्रदेश की गौतमबुद्धनगर सीट से चुनकर संसद पहुंचे हैं. पिछली सरकार में महेश शर्मा केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री थे. लेकिन इस बार इन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है.
सुरेश प्रभु
पिछली सरकार में सुरेश प्रभु को पहले केंद्रीय रेलमंत्री बनाया गया था बाद में उन्हें वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री बनाया गया. लेकिन अब नई सरकार में सुरेश प्रभु को जगह नहीं मिल पाई है.
जे पी नड्डा
मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में नड्डा स्वास्थ्य मंत्री थे और इस बार उनका नाम भी मंत्रियों की सूची में शामिल नहीं था. हालांकि इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि वह अमित शाह के स्थान पर बीजेपी अध्यक्ष बनाए जा सकते हैं
राज्यवर्धन सिंह राठौर
पूर्व ओलंपियन और खेल व सूचना और प्रसारण मंत्रालय का सफलता पूर्वक कार्यभार संभालने वाले राठौर को भी मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं किया गया है.
मेनका गांधी
इस बार मेनका गांधी सुल्तानपुर लोकसभा सीट से जीतकर संसद पहुंची हैं. पिछले चुनाव में मेनका पीलीभीत से जीतकर आई थीं और उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया गया था. लेकिन इस सरकार में मेनका गांधी को जगह नहीं मिल पाई है.
जयंत सिन्हा
पिछले 5 साल में जयंत सिन्हा ने पहले केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री और बाद में केंद्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री का कार्यभार संभाला था, लेकिन उन्हें भी इस बार मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है. जयंत सिन्हा पूर्व बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा के बेटे हैं.
उमा भारती
बीजेपी की फायर ब्रांड नेता उमा भारती को भी नई सरकार में जगह नहीं मिली है. पिछली सरकार में उमा भारती केंद्रीय मंत्री थीं.
मनोज सिन्हा
पिछली सरकार में मनोज सिन्हा मंत्री थे. और गाजीपुर से चुनकर आए थे. लेकिन इस बार मनोज सिन्हा चुनाव हार गए, लेकिन उम्मीद थी कि उन्हें हार के बावजूद मोदी सरकार में जगह मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी गई है.
रामकृपाल यादव
पाटलीपुत्र लोकसभा सीट पर लालू यादव की बेटी मीसा भारती को हराने वाले रामकृपाल यादव को इस बार मंत्री नहीं बनाया गया है. पिछली सरकार में रामकृपाल यादव केंद्रीय मंत्री थे.
अनंत कुमार हेगड़े
उत्तर कन्नड़ लोकसभा सीट पर बीजेपी का परचम लहराने वाले अनंत कुमार हेगड़े को इस बार मंत्रीपद से नहीं नवाजा गया है. अनंत कुमार हेगड़े मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री थे. हेगड़े हमेशा से अपने बयानों को चर्चा में रहते हैं.
शिव प्रताप शुक्ल
शिव प्रताप शुक्ल से बीजेपी के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं. पिछली सरकार में शिव प्रताप शुक्ल केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री थे. लेकिन इस बार इन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया है.
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