Shasan Vyavastha Government Hindi / हमारी शासन व्यवस्था / Our Government Administration in Hindi
Shasan vyavastha government Hindi, “शासन व्यवस्था राजनीतिक प्रक्रिया के वे नियम हैं जिसके अंतर्गत लोगों के बीच मतभेदों को खत्म किया जाता है, और उचित निर्णय दिया जाता है।”
भारतीय शासन व्यवस्था के निम्न तीन अंग होते हैं –
1- कार्यपालिका
2- विधायिका
3- न्यायपालिका
Government administration Hindi, इस पोस्ट में तीनों शासन व्यवस्था को केंद्र एवं राज्य दोनों स्तर पर भिन्न परिप्रेक्ष्य में वर्णित किया गया है।
1- केंद्रीय कार्यपालिका
(a)- राष्ट्रपति (President)
- भारतीय संघ की कार्यपालिका शक्ति, राष्ट्रपति में निहित होती है। वह देश का प्रधान (मुखिया) होता है।
- भारत का राष्ट्रपति अप्रत्यक्ष रूप से एक निर्वाचक मंडल द्वारा निर्वाचित होता है। जिसमें संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्य, राज्य विधानसभाओं तथा संघशासित क्षेत्रों के विधानसभाओँ के निर्वाचित सदस्य भाग लेते हैं।
- राष्ट्रपति के चुनाव के लिए आनुपातिक प्रतिनिधित्व की एकल संक्रमणीय प्रणाली को अपनाया गया है।
- राष्ट्रपति के चुनाव से संबंधित विवादों की छानबीन तथा निर्णय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किया जाता है।
- राष्ट्रपति का कार्यकाल समय 5 वर्ष का होता है।
- यदि देश में वित्तिय संकट की स्थिति होती है, तो देश में राष्ट्रपति शासन लागू होता है। जो अनुच्छेद 360 के अन्तर्गत निहित है।
- विधायी शक्तियां: विधायी क्षेत्र का प्रशासन, सदस्यों का मनोनयन अध्यादेश जारी करने की शक्ति इत्यादि होती है।
- राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल में संसद के मनोनीत सदस्य, राज्य विधानसभाओं के मनोनीत सदस्य तथा राज्य विधानपरिषदों के सदस्य शामिल नहीं किए जाते हैं।
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 61 के अनुसार, राष्ट्रपति द्वारा संविधान का उल्लंघन करने पर उसके विरुद्ध महाभियोग चलाकर, उसे पदच्युत किया जा सकता है।
- कार्यपालिका संबंधी शक्तियां: महत्वपूर्ण अधिकारियों की नियुक्ति व पदच्युति, शासन संचालन संबंधित शक्ति,सैनिक क्षेत्र में शक्ति इत्यादि।
- महाभियोग प्रस्ताव संसद के किसी भी सदन में लाया जा सकता है।
(b)- उपराष्ट्रपति (Vice President)
- उपराष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सभापति होता है।
- उपराष्ट्रपति का कार्यकाल समय 5 वर्ष का होता है।
- उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सदस्य नहीं होता है। अतः उसे मतदान का अधिकार नहीं होता है।
- उपराष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व के एकल संक्रमणीय प्रणाली द्वारा होता है।
- राष्ट्रपति की अनुपस्थिति तथा अस्थायी रूप से अपने कर्तव्यों को पूरा करने में असमर्थ रहने की स्थिति में उपराष्ट्रपति उसके स्थान पर कार्य करता है।
- डॉ कृष्णकांत एकमात्र ऐसे उपराष्ट्रपति थे, जिनका निधन उनके कार्यकाल के दौरान हुआ था।
2- केन्द्र विधायिका
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मन्त्रिपरिषद और प्रधानमन्त्री
- मन्त्रिपरिषद में एक प्रधानमन्त्री तथा आवश्यकतानुसार अन्य मंत्री होते हैं ।
- मन्त्रिपरिषद में तीनों श्रेणियों के मंत्री सम्मिलित होते हैं। जैसे – कैबिनेट मन्त्री, राज्यमन्त्री, उपमन्त्री।
- 91वें संवैधानिक संशोधन 2003 के द्वारा ‘अनुच्छेद 164’ में प्रावधान किया गया है कि केंद्र और राज्य मन्त्री परिषद् के सदस्यों की कुल सदस्य संख्या से 15% से अधिक नहीं होनी चाहिए।
- मन्त्रीमण्डल में प्रधानमन्त्री और कैबिनेट स्तर के मन्त्री शामिल होते हैं।
भारत की संसद (Parliament of India)-
भारत की संसद राष्ट्रपति, राज्यसभा तथा लोकसभा से मिलकर बनी है। संसद के निम्न सदन को लोकसभा तथा उच्च सदन को राज्यसभा कहते हैं। Shasan Vyavastha Government Hindi
(a)- राज्यसभा
- संविधान के अनुच्छेद 80 के अनुसार राज्य सभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 250 हो सकती है,लेकिन वर्तमान में यह संख्या 245 है ।
- राज्यसभा एक स्थायी सदन है।यह कभी भंग नहीं होता, बल्कि इसके एक-तिहाई सदस्य प्रत्येक 2 वर्ष पर अवकाश ग्रहण करते हैं। राज्यसभा के प्रत्येक सदस्य का कार्यकाल समय 6 वर्ष का होता है।
- राज्यसभा के 12 सदस्यों को राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत किए जाते हैं।
(b)- लोकसभा
- लोकसभा की अधिकतम सदस्य संख्या 552 (530+20+2) हो सकती है।लेकिन वर्तमान में इसकी सदस्यों की संख्या 545(530+13+2) है।
- लोकसभा का कार्यकाल समय 5 वर्ष है, किंतु प्रधानमन्त्री के परामर्श के आधार पर राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा को समय से पूर्व भी भंग किया जा सकता है।
- लोकसभा सदस्यों द्वारा अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष का चुनाव किया जाता है।
- लोकसभा एवं राज्यसभा की दो बैठकों में 6 माह से अधिक का अन्तर नहीं होना चाहिए।
3 – न्यायपालिका
भारत का सर्वोच्च (उच्चतम) न्यायालय (Supreme Court)-
- भारत का सर्वोच्च न्यायालय नई दिल्ली में स्थित है। यह भारतीय संविधान का संरक्षक है।
- सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एवं अन्य न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं।
- सर्वोच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश के अतिरिक्त कुल 30 न्यायाधीश होते हैं।
- सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष है, इससे पूर्व वे राष्ट्रपति को संबोधित करके अपना त्यागपत्र दे सकते हैं।
- संविधान के अनुसार, सर्वोच्च या ‘उच्चतम’ न्यायालय की कार्यवाही की अधिकृत भाषा केवल अंग्रेजी है।
सर्वोच्च न्यायालय के कार्य (Role of Supreme Court)
सर्वोच्च न्यायालय के निम्नलिखित कार्य हैं-
- नागरिकों के मूल अधिकारों की सुरक्षा करना
- न्यायिक पुनरावलोकन से संबंधित कार्य
- संविधान की सुरक्षा करना
- मन्त्रणा (सलाह) सम्बन्धी कार्य
सर्वोच्च न्यायालय का क्षेत्राधिकार
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सर्वोच्च न्यायालय का क्षेत्राधिकार निम्नलिखित हैं-
- न्यायादेश संबंधित क्षेत्राधिकार
- मूल/आरम्भिक क्षेत्राधिकार; जैसे- दो या दो से अधिक राज्यों के बीच विवाद
- अपीलीय क्षेत्राधिकार
- परामर्श/सलाह संबंधित क्षेत्राधिकार
- पुनरावलोकन का अधिकार
- अभिलेख न्यायालय
- सर्वोच्च न्यायालय ‘न्यायिक पुनरावलोकन का अधिकार’ यूएसए से लिया गया है Shasan Vyavastha Government Hindi
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राज्य कार्यपालिका
(a)- राज्यपाल (Governor)
- राज्य की कार्यपालिका का प्रधान राज्यपाल होता है।
- उसे राज्य व्यवस्थापिका का अधिवेशन बुलाने, स्थगित करने तथा व्यवस्थापिका के निम्न सदन ‘विधानसभा’ को भंग करने की शक्ति है।
- यदि राज्य का प्रशासन संविधान के उपबन्धों के अनुसार नहीं चल रहा हो तो वह राष्ट्रपति को राज्य के संवैधानिक तंत्र की विफलता के संबंध में सूचना देता है। राज्यपाल की रिपोर्ट के आधार पर अनुच्छेद 356 के अंतर्गत राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होता है।
- वह मुख्यमंत्री तथा उसके परामर्श से अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करता है।
- राज्यपाल की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा 5 वर्षों के लिए की जाती है, किंतु वह राष्ट्रपति के प्रसादपर्यंत पद धारण करता है।
- यदि राज्य के विधानमंडल का अधिवेशन नहीं चल रहा हो, तो राज्यपाल अध्यादेश जारी कर सकता है।
(b)- मुख्यमंत्री (Chief Minister)
मुख्यमंत्री विधानसभा का मुखिया होता है। मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है।सामान्यतया विधानसभा में बहुमत प्राप्त दल के नेता को मुख्यमंत्री नियुक्त किया जाता है।
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विधानपरिषद
- राज्य के विधानमंडल के उच्च सदन को विधानपरिषद कहा जाता है।
- विधानपरिषद एक स्थाई सदन है।
- वर्तमान समय में विधानपरिषद भारतीय संघ के केवल 7 राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश,बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना में है।
- 36 सदस्यों वाली जम्मू-कश्मीर की विधान परिषद इस नियम का अपवाद है।
- विधानपरिषद के सदस्यों का कार्यकाल समय 6 वर्ष होता है ।प्रत्येक 2 वर्ष पर एक-तिहाई सदस्य अवकाश ग्रहण करते हैं और उनके स्थान पर नए सदस्यों को चुनाव किया जाता है।
विधानसभा
विधानसभा राज्य के विधानमंडल का निम्न सदन है। विधान सभा के सदस्यों का निर्वाचन प्रत्यक्ष रूप से राज्य के मतदाताओं द्वारा होता है।
राज्य की विधानसभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 500 और न्यूनतम संख्या 60 होती है।
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पंचायती राज / स्थानीय शासन
- ब्रिटिश शासन के दौरान 1882 ई.में तत्कालीन वायसराय लार्ड रिपन ने स्थानीय स्वायत्त शासन की स्थापना का प्रयास किया था।
- 2 अक्टूबर 1959 को पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सर्वप्रथम राजस्थान के नागौर में लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण की योजना को प्रारंभ किया।
- जनता पार्टी ने पंचायत राज्य में सुधार के लिए अशोक मेहता समिति गठित की जिसने द्विस्तरीय पंचायत संगठन की संस्तुति की।
- इससे पूर्व त्रिस्तरीय संगठन अस्तित्व में था। इस समिति की संस्तुतियों लागू नहीं हुई।
उच्च न्यायालय (High Court)
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति, राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, संबंधित राज्य की राज्यपाल तथा संबंधित राज्य के मुख्य न्यायाधीश के परामर्श से करता है।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा 62 वर्ष तक होती है। उन्हें संसद में सिध्द कदाचार या अक्षमता के आधार पर महाभियोग जैसी प्रक्रिया के द्वारा राष्ट्रपति हटा सकता है।
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