Padarth Matter their States / पदार्थ एवं पदार्थ की अवस्थाएं / Matter and their states
पदार्थ क्या है? (Matter in Hindi)
पदार्थ की परिभाषा (Definition of Matter)
वह कुछ भी जिसमें घनत्व होता है, जो स्थान घेरती है, जिसे हम एक या एक से अधिक इंद्रियों द्वारा अनुभव करते हैं, वह पदार्थ (Matter) कहलाता है।
जैसे – हवा, पानी, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन, चीनी, रेत, चांदी , स्टील, लोहे, लकड़ी, बर्फ, शराब, दूध, तेल, कार्बन डाइऑक्साइड, भाप, कार्बन, सल्फर, चट्टानऔर खनिज आदि। ये विभिन्न प्रकार के पदार्थ हैं जो स्थान घेरते हैं। ये ठोस, द्रव, गैस और प्लाज्मा किसी भी रूप में हो सकते हैं.
अर्थात दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि पदार्थ वह वास्तु है जो स्थान घेरती है, जिनका निश्चित मास होता है। जिस पर दबाव लगा सकते हैं, भौतिक प्रतिरोध का उत्पादन कर सकते हैं, तथा जिसका अस्तित्व हमारे इंद्रियों द्वारा अनुभव किया जा सकता है. Padarth Matter their States
पदार्थ के प्रकार Types of Matter
संरचना के आधार पर पदार्थ को निम्न दो श्रेणियों में विभाजित किया जाता है:
(1) भौतिक संरचना
(2) रासायनिक संरचना
(1) भौतिक संरचना Physical Structure
भौतिक संरचना में पदार्थ पूरी तरह से उनके अणुओं के बीच मौजूद आणविक (intermolecular) बलों पर निर्भर करता है । भौतिक संरचना के आधार पर पदार्थ को निम्न तीन समूह में विभाजित किया जाता है।
1-ठोस (solid)
2-द्रव (liquid)
3 – गैस (gas)
1- ठोस Solid
ठोस में पदार्थ का आकार और आयतन दोनों निश्चित होता है क्योंकि इसमें अणुओं के बीच का आकर्षण बल तथा आणविक (intermolecular) बल उनके पृथक्करण के बलों से ज्यादा मजबूत होते हैं। इसलिए पदार्थ के अणु सघन रूप में संकुचित रहते हैं। Padarth Matter their States
जैसे – मेज, किताब, गेंद,पत्थर के टुकड़े आदि।
2- द्रव Liquid
द्रव में पदार्थ का आयतन निश्चित तथा आकार अनिश्चित होता है क्योंकि उनके अणुओं के बीच का आकर्षण आणविक (intermolecular) बल उनके corresponding (तटस्थानी) पृथक्करण बल से केवल थोड़ा ही अधिक होता है। इसलिए द्रव के अणु कम घनी संकुचित होते है और पदार्थ के अंदर स्वतंत्र रूप से घूमते है.
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जैसे – पानी, दूध, तेल, शराब आदि
3- गैस Gas
गैस में पदार्थ का आकार और आयतन अनिश्चित होता है क्योंकि उनके बीच आकर्षण बल तथा आणविक बल (intermolecular) उनके corresponding (तटस्थानी) आकर्षण के बल से कमजोर होता है। गैस कणों के जगहों के बीच एक बड़ा स्पेस होता है जो उनकी उच्च गतिज ऊर्जा (kinetic energy) कहलाती है। जब एक गैस को दबाव के तहत बरतन का आयतन क्षेत्र को कम करके रखा जाता है, तब कणों के बीच की दूरी कम हो जाती है, तथा उनके टकराव के द्वारा दबाव बढ़ जाता है । अगर बरतन के आयतन को स्थिर रखे और गैस के तापमान को बढ़ा दे, तब दबाव ( pressure) में वृद्धि हो जाती है। Padarth Matter their States
जैसे – हवा, H2, N2 और O2 आदि ।
रासायनिक संरचना Chemical Structure
पदार्थ (Matter) को तीन समूहों में विभाजित किया गया है:
1 – तत्व (Elements)
2 – यौगिक (Compound)
3 – मिश्रण (Mixture)
1 – तत्व Elements
तत्व वह मौलिक चीज या पदार्थ है जो दो या दो से अधिक अलग-अलग घटकों में पृथक नहीं हो सकता है तथा किसी भी भौतिक या रासायनिक प्रक्रिया के द्वारा अलग-अलग गुण या विशेषताएँ बनाये रखता है।
इलेक्ट्रॉनिक विन्यास (electronic -configuration) के आधार पर, तत्व ऐसा पदार्थ है, जिसका परमाणु भार एक जैसा है अर्थात बराबर होता है।
नोट: राबर्ट बायल Robert Boyle पहले वैज्ञानिक थे जिन्होंने 1661 ई. में सर्व प्रथम तत्व शब्द का प्रयोग किया.
तत्व निम्नलिखित दो प्रकार के होते है:
1 – धातु Metal
2 – गैर धातु Non-metal
धातु आमतौर पर बिजली और ताप के सुचालक होते है. यह ज्यादातर ठोस अवस्था में पाए जाते हैं. ये नरम व तार में खींचने योग्य (ductile) होते है.
जबकि गैर धातु बिजली और ताप के कुचालक होते है, और ये बहुत नाजुक होते है खीचने पर टूटने जाते है।
2 – यौगिक Compound
यौगिक वह पदार्थ है जो रासायनिक संयोजन द्वारा दो या दो से अधिक तत्वों को एक निश्चित अनुपात में मिलाने से बनता है. संयुक्त यौगिक का भौतिक और रासायनिक गुण उसके घटक या घटक तत्वों से अलग होता हैं।
यौगिक के गुणधर्म उसके अवयवी तत्वों के गुणधर्म से भिन्न होते है।
जैसे – पानी, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन (Oxygen) से संयुक्त होता है।
3 – मिश्रण Mixture
मिश्रण वह पदार्थ है जो केवल एक अनिश्चित अनुपात में दो या दो से अधिक शुद्ध तत्वों के भौतिक संयोजन (के मिलाने) से बनाई जाती है।
मिश्रण में उनके अवयवी पदार्थो के गुणधर्म विद्यमान रहते है।
मिश्रण से उसके अवयवी पदार्थो को सामान्यतः भौतिक विधियों से पृथक किया जा सकता है।
जैसे – वायु (कई गैसो ), पीतल (कॉपर+ जस्ता), शरबत (चीनी तथा जल) आदि का मिश्रण होता है।
मिश्रण के प्रकार Types of Mixture
मिश्रण मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं :
1 – समांगी मिश्रण
2 – विषमांगी मिश्रण
1 – समांगी मिश्रण
कांच की एक गिलास ले, गिलास में लगभग आधे से अधिक पानी भर दे। गिलास में एक चम्मच चीनी डालकर हिलायें। पुनः गिलास के पानी का अवलोकन करें गिलास में चीनी पानी में घोलकर एक मिश्रण बनाती है, इस तरह के मिश्रण को हम समांगी मिश्रण कहते हैं।
समांगी मिश्रण को विलयन भी कहते हैं ,तथा समांगी मिश्रण में अवयवों को अलग-अलग नहीं देखा जा सकता है। Padarth Matter their States
जैसे – जल में नमक का मिश्रण,पोटैशियम परमैग्नेट का मिश्रण आदि।
2 – विषमांगी मिश्रण
कांच का एक गिलास ले, गिलास में लगभग आधे से अधिक पानी भर दे।गिलास में एक चम्मच बालू डालकर हिलाएं, पुनः गिलास का अवलोकन करें गिलास में बालू के कण तली में बैठे हुए दिखाई देंगे।इस तरह की मिश्रण को विषमांगी मिश्रण कहते हैं।
विषमांगी मिश्रण में उनके अवयवी पदार्थों को अलग-अलग देखा जा सकता है।
जैसे – चीनी और बालू का मिश्रण, मिट्टी का तेल एवं पानी का मिश्रण, कोयला और बालू आदि।
नोट:
1. दूध देखने में समांगी प्रतीत होता है किंतु वास्तव में यह एक विषमांगी मिश्रण है, बल्कि पायस है ।जब विलेय और विलायक दोनों ही द्रव हो तो इन दोनों से बने कोलाइडी विलियन को पायस कहते हैं।
जैसे – शैंपू , नेल पॉलिश आदि भी पायस के उदाहरण है।
2. दो धातुओं को पीसकर आपस में मिलाकर ठंडा करने पर धातुओं का समांगी मिश्रण प्राप्त होता है जिसे मिश्र धातु (Alloy) कहते हैं।
जैसे – पीतल एक मिश्रधातु है जिसमें तांबा एवं जिंक का भार के अनुसार अनुपात 2:1है। इसी प्रकार घरों में प्रयोग होने वाले स्टेनलेस स्टील के बर्तन भी लोहे का मिश्रधातु है ।जिसमे लोहा 80.6%, कार्बन 0.4%, क्रोमियम 18% एवं निकिल 1% उपस्थित रहता है।
तत्वों का रासायनिक सूत्र –
तत्वों के अणु में एक ही प्रकार के परमाणु होते हैं। कुछ अणु में दो परमाणु कुछ में तीन तथा कुछ में तीन से अधिक परमाणु होते हैं। दूसरी और एक यौगिक का अणु विभिन्न तत्वों के परमाणु से मिलकर बनता है तत्व यौगिक के अणु सूत्र उन में उपस्थित विभिन्न परमाणुओं को उनके प्रतीक के रूप में लिखते हैं ।इस प्रकार के परमाणुवीय प्रतीक के समूह को रासायनिक सूत्र कहते हैं।
1. तत्व का अणु सूत्र-
तत्व के अणु को दर्शाने के लिए यह जानना आवश्यक होता है कि उस तत्व का एक अणु कितने परमाणु से मिलकर बना है।
जैसे – हाइड्रोजन का एक अणु दो हाइड्रोजन परमाणु से मिलकर बनता है अतः हाइड्रोजन के अणु को उसके प्रतीक H का प्रयोग करते हुए H2 द्वारा दर्शाते है। Padarth Matter their States
किसी तत्व के अणु को दर्शाने वाले उसके परमाणुवीय प्रतीक के समूह को तत्व का अणु सूत्र कहते हैं।
2. यौगिक का अणु सूत्र –
हम जानते हैं कि दो या दो से अधिक तत्व मिलकर यौगिक बनाते हैं। कुछ तत्वों के समान ही यौगिक भी अणु के रूप में पाए जाते हैं। अतः यौगिक को भी अणुसूत्र के द्वारा दर्शाया जाता है। यौगिक के अणु की संरचना निश्चित होने के कारण उसमें उपस्थित परमाणुओं की संख्या भी निश्चित होती है ।क्योंकि परमाणु सामान्यतः अविभाज्य होते हैं अतः यौगिक के अणु तथा अणुसूत्र में उपस्थित तत्वों के परमाणु की संख्या पूर्णांकों में होती है।
उदाहरण के लिए हाइड्रोजन क्लोराइड के एक अणु में हाइड्रोजन का एक परमाणु तथा क्लोरीन का एक परमाणु होता है अतः हाइड्रोजन क्लोराइड के एक अणु को HCl सूत्र द्वारा दर्शाते हैं। यदि किसी यौगिक के एक अणु में उपस्थित विभिन्न परमाणुओं की संख्या एक हो तो अणु सूत्र लिखने में एक अंक को संकेत के साथ पादांक के रूप में नहीं लिखते किंतु तत्वों के परमाणुओं की संख्या 1 से अधिक होने पर संकेत की दाई ओर नीचे(पादांक के रूप में) लिखते हैं।
जैसे – जल का एक अणु हाइड्रोजन के दो परमाणु तथा ऑक्सीजन के एक परमाणु से मिलकर बनता है. अतः जल का अणुसूत्र H2O लिखा जाता है।
परमाणुवीय प्रतीकों का वह समूह जो यह दर्शाता है कि किसी यौगिक के एक अणु में किस-किस तत्व के कितने-कितने परमाणु उपस्थित हैं, वह यौगिक का अणुसूत्र कहलाता है।
किसी यौगिक का अणुसूत्र दर्शाता है:
(a) – उस यौगिक का एक अणु ।
(b) – तत्व जिनसे वह यौगिक बना है।
(c) – यौगिक के एक अणु में उपस्थित तत्वों के पमाणुओं की संख्या।
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